पितांबरा पीठ में भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है गुप्त नवरात्रि, मां बगलामुखी का किया गया विशेष श्रृंगार

श्री पीताम्बरा पीठ सुभाष चौक सरकण्डा स्थित श्री ब्रम्हशक्ति बगलामुखी देवी मंदिर में माघ गुप्त नवरात्र उत्सव 22/01/2023 से 30/01/2023 तक हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मंदिर के आचार्य दिनेश जी महाराज ने बताया कि इस अवसर पर माता श्री ब्रम्हशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन, श्रृंगार,देवाधिदेव महादेव का रूद्राभिषेक,महाकाली,महालक्ष्मी, महासरस्वती,राजराजेश्वरी,त्रिपुरसुंदरी देवी का श्री सूक्त षोडश मंत्र द्वारा दूधधारियापूर्वक अभिषेक,बगलामुखी मंत्र जाप ब्राह्मणों के द्वारा निरंतर चल रहा है। बसंत पंचमी के पावन पर्व पर मां श्री ब्रम्हशक्ति बगलामुखी देवी का सरस्वती देवी के रूप में पूजन श्रृंगार किया जाएगा।

वसंत पंचमी माघ माह की शुक्ल पंचमी के दिन मनाई जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन कामदेव का जन्म हुआ था। लोगों का दांपत्य जीवन सुखमय हो इसके लिए लोग रतिमदन की पूजा और प्रार्थना हैं। देवी सरस्वती का जन्म वसंत पंचमी को हुआ था, इसलिए उस दिन उनकी पूजा की जाती है, और इस दिन को लक्ष्मी जी का जन्मदिन भी माना जाता है; इसलिए इस तिथि को ‘श्री पंचमी’ भी कहा जाता है। इस दिन सुबह अभ्यंग स्नान किया जाता है और पूजा की जाती है। वसंत पंचमी पर, वाणी की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती की पूजा और प्रार्थना का बहुत महत्व है। ब्राह्मण शास्त्रों के अनुसार, वाग्देवी सरस्वती ब्रह्मस्वरूप, कामधेनु और सभी देवताओं की प्रतिनिधि हैं। वह विद्या, बुद्धि और ज्ञान की देवी हैं। अमित तेजस्विनी और अनंत गुण शालिनी देवी सरस्वती की पूजा और आराधना के लिए माघ मास की पंचमी तिथि निर्धारित की गई है। इस दिन को देवी के रहस्योद्घाटन का दिन माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इस पंचमी को सरस्वती की जयंती के रूप में मनाया जाता है क्योंकि यह घटना माघ महीने की पंचमी को हुई थी। इस देवी के वागेश्वरी, भगवती, शारदा, वीणा वादिनी और वाग्देवी जैसे अनेक नाम हैं। संगीत की उत्पत्ति के कारण, उन्हें संगीत की देवी के रूप में भी पूजा जाता है। वसंत पंचमी के दिन ज्ञान और बुद्धि देने वाली देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।

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