
आकाश दत्त मिश्रा

मुंगेली में एक निजी स्कूल के बस कंडक्टर ने 5 साल की मासूम बच्ची के साथ घिनौनी हरकत कर दी।अब तो बच्चे कहीं भी सुरक्षित नहीं है
माता-पिता बड़े भरोसे के साथ छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल भेजते हैं लेकिन कभी स्कूल तो कभी बस में बच्चे हैवानियत का शिकार हो रहे हैं। एक तरफ बच्चों को भगवान का रूप माना जाता है लेकिन इसी संसार में ऐसे हैवान भी है जो बच्चों को भी हवस का शिकार बनाने से बाज नहीं आते।
मुंगेली के ग्राम करही में संचालित निजी स्कूल अध्ययन इंटरनेशनल में पढ़ने वाली 5 साल की मासूम स्कूल द्वारा संचालित बस से ही आना-जाना करती है। एक दिन जब बच्ची घर पहुंची तो वह देर तक रोती रही। मां ने जब वजह पूछी तो बच्ची ने बताया कि बस के दाढ़ी वाले अंकल ने उसके साथ गंदी हरकत की है, जिससे उसके प्राइवेट पार्ट में तेज दर्द हो रहा है । मासूम की मां ने जब चेक किया तो देखा कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट से खून बह रहा था, तुरंत 5 साल की मासूम को इलाज के लिए यशोदा हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टर प्रियंका जांगड़े ने जांच के बाद बताया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट में किसी ने गलत मंशा से उंगली डाली है, जिससे बच्ची के प्राइवेट पार्ट में चोट लगा है और उसी से खून का रिसाव हो रहा है।
परिजनों ने जानकारी जुटाकर थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बस कंडक्टर मनीष तिवारी उर्फ नीलू के खिलाफ धारा 376 और पोक्सो एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध किया है।
परिजन मोटी फीस पटाकर बच्चों को केवल शिक्षित होने के लिए ही स्कूल नहीं भेजते बल्कि उनके जेहन में बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा भी अहम होता है, लेकिन बिना जांच-पड़ताल के स्कूल ऐसे दरिंदों को काम पर रखती है जिनसे बच्चों पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है। जिस व्यक्ति की जिम्मेदारी छोटे-छोटे बच्चों को घर तक सुरक्षित पहुंचाना होता है उसी दरिंदे ने मासूम बच्ची को हवस का शिकार बनाने से गुरेज नहीं किया। इधर अपने कर्मचारी के प्रति आक्रोश या पछतावा होने की बजाय स्कूल प्रबंधक मामले को दबाने का प्रयास करता दिखा। स्कूल की छवि खराब ना हो इसकी चिंता स्कूल प्रबंधन को अधिक है, इसलिए दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग करने की बजाय स्कूल प्रबंधन थाने में पहुंचकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास करता नज़र आया।
फिलहाल कोतवाली थाने में मामला दर्ज होने के बाद आरोपी बस कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है। इधर बच्ची के परिजनों ने आरोपी के लिए फांसी की मांग की है, उन्होंने ऐसे लोगों को समाज के लिए घातक बताया है। वही इस मामले की जानकारी होने के बाद मुंगेली में संचालित सभी स्कूली बच्चों के वाहनों में कैमरा लगाने की भी मांग जोर पकड़ती जा रही है। प्रशासन से भी मांग की गई है कि वह स्कूल प्रबंधन की एक मीटिंग लेकर ऐसे सभी बसों में कैमरे लगाए, जिसमें बच्चे सफर करते हैं, तो वही स्कूलों में गुड एंड बैड टच की जानकारी देने की भी मांग जोर पकड़ रही है।
इधर मनोचिकित्सकों का कहना है कि ऐसे मामलों में कमी लाने के लिए एक तरफ स्कूल प्रबंधक को भी कर्मचारियों की नियुक्ति के पहले अच्छे से पड़ताल और काउंसलिंग करनी होगी तो वही तमाम व्यवस्थाओं के बावजूद माता-पिता को अपने बच्चों को अधिक समय देना होगा। प्रयास करना होगा कि वे स्वयं बच्चों को स्कूल छोड़े और ले आए।
कुल मिलाकर मुंगेली में इस घटना के बाद लोगों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है ।गुस्सा अध्ययन इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन के भी खिलाफ है, जिसकी भूमिका इस पूरे मामले में बेहद निराशाजनक रही है, ऐसे स्कूल के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की मांग पेरेंट्स कर रहे हैं।
