

आसमा सिटी में रहने वाले प्रोपर्टी डीलर वकील अंसारी के गायब होने की गुत्थी को आखिरकार पुलिस ने सुलझा लिया है। शुरू में पुलिस वकील अंसारी की छवि के आधार पर खुद वकील अंसारी पर ही संदेह कर रही थी, क्योंकि वकील अंसारी के गायब हो जाने के बाद मिले सीसीटीवी फुटेज में वकील अंसारी किसी महिला के साथ नजर आया था। इतना ही नहीं अकील अंसारी के गायब हो जाने के बाद भी उसके बैंक खाते से ट्रांजैक्शन हो रहे थे जिससे पुलिस को संदेह था कि उसने अपने ही अपहरण की कहानी बनाई होगी, लेकिन अकील अंसारी की पत्नी अकबरी खातून की आशंका सही साबित हुई।

5 नवंबर को अकबरी खातून ने सकरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उसके पति वकील अंसारी 3 नवंबर को अंबिकापुर जाने के लिए निकले थे लेकिन अगले दिन वापस नहीं लौटे । इसी दौरान पता चला कि वकील अंसारी ने अपने एक मित्र आर एस बागड़िया को फोन कर बताया था कि कुछ व्यक्ति उसे अपहरण कर ले जा हैं और उससे पैसे मांग रहे हैं। पुलिस ने आर एस बागड़िया से भी संपर्क किया, लेकिन पुलिस वकील अंसारी को नहीं ढूंढ पाई। संदेह तो पुलिस ने आर एस बागड़िया पर भी किया था।
खाते से लगातार हो रहे ट्रांजैक्शन से पुलिस को मिला सुराग
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि लगातार वकील अंसारी के एटीएम कार्ड और फोन पे का इस्तेमाल हो रहा है। इसके माध्यम से अंबिकापुर, कांकेर कोंडागांव, हैदराबाद, नागपुर आगरा, मथुरा , बिहार आदि स्थानों पर पैसे निकाले जा रहे हैं । पुलिस को संदेह था कि खुद वकील अंसारी यह कर रहा है, लेकिन पुलिस ने जब सीडीआर की जांच की तो पाया कि जहां-जहां एटीएम से पैसे निकाले जा रहे हैं वहां कुछ नंबर बार-बार सामने आ रहे हैं। इन्हीं नंबरों को संदिग्ध मानकर पुलिस ने 13 जनवरी को हेमंत साहू को हिरासत में लिया और फिर उससे पूछताछ शुरू की तो पूरे मामले का खुलासा होता चला गया।

वकील अंसारी के अमीर होने की जानकारी के बाद हनीट्रैप में फंसाने की थी योजना
मुख्य आरोपी हेमंत साहू भिलाई का रहने वाला था। वह जुआ और सट्टा का कार्य करता था। इसी वजह से वह कर्ज में बुरी तरह डूब गया था। अक्टूबर महीने में वह अपनी पत्नी संतोषी वर्मा के साथ बिलासपुर में नौकरी की तलाश कर रहा था। इसी दौरान उसकी मुलाकात वकील अंसारी से हुई। भाटापारा में एक पेट्रोल पंप में हुई मुलाकात के दौरान वकील अंसारी ने खुद को पेट्रोल पंप का मालिक बताया, जिससे हेमंत साहू के दिमाग में एक प्लान काम करने लगा ।
आरोपी ने अपनी ही पत्नी को बनाया मोहरा
उसने अपनी पत्नी को मोहरा बनाकर हेमंत साहू को हनीट्रैप में फंसाने का निर्णय लिया। इसी योजना के तहत उसने अपनी पत्नी को वकील अंसारी के साथ अंबिकापुर भेजने की योजना बनाई ।उसके जाल में फंस कर वकील अंसारी संतोषी वर्मा को लेकर अंबिकापुर चला गया। योजना थी कि रास्ते में ही हेमंत साहू और उसका साथी गणेश यादव वकील अंसारी और संतोषी को संदिग्ध हालत में पकड़ेंगे और फिर ब्लैकमेल का खेल शुरू होगा, लेकिन गाड़ी की कम स्पीड हेमंत साहू को धोखा दे गई और वह इस योजना में कामयाब नहीं हो पाया। इधर वकील अंसारी संतोषी वर्मा के साथ अंबिकापुर के होटल में रुका । दोनों ने रंगरेलियां मनाई और फिर वापस बिलासपुर लौटने लगे।
इस तरह हुए आरोपी कामयाब
इस बार भी उनका पीछा हेमंत साहू और गणेश यादव कर रहे थे। सेंदरी मोपका बाईपास कोनी के पास वकील के कार को रोका गया तो वकील अंसारी संतोषी वर्मा के साथ आपत्तिजनक स्थिति में मिला। इसका फायदा उठाकर हेमंत साहू ब्लैकमेल कर पैसे मांगने लगा। जब वकील अंसारी ने इसका विरोध किया तो दोनों के बीच हाथापाई हुई और हेमंत साहू ने पेपरकटर से वकील अंसारी के ऊपर हमला कर दिया। फिर उसे घायल अवस्था मे अपने वाहन में बिठाकर बिलासपुर से बलोदा बाजार होते हुए केशकाल ले गया। रास्ते में ही वकील अंसारी से उसका एटीएम पासवर्ड और फोन पे का ट्रांजैक्शन कोड हासिल कर लिया गया। इधर रास्ते में ही वकील अंसारी ने दम तोड़ दिया जिसके बाद तीनों आरोपियों ने वकील अंसारी की लाश को केशकाल की घाटी से नीचे फेंक दिया और फिर उसके टीएम कार्ड और फोन पे से समय-समय पर रुपए निकालते रहे।
केशकाल के जंगल में 11 दिसंबर को मिली थी वकील अंसारी की लाश
इधर जांच में यह भी पता चला कि कोंडागांव जिला के केशकाल के जंगल में 11 दिसंबर को एक क्षत-विक्षत लाश मिली थी, जिस की कलाई में बंधी घड़ी से उसकी पहचान अकबरी खातून ने वकील अंसारी के रूप में की।
यानी पुलिस जिस वकील अंसारी के गायब हो जाने की कहानी को मनगढ़ंत मान रही थी वह सही निकली। इतना ही नहीं उसकी हत्या भी हो चुकी थी । रुपयों की लालच में वकील अंसारी की जान ली गई, लेकिन आखिरकार अपराधी पकड़ ही लिए गए। पूरे मामले को सुलझाने में सकरी पुलिस के अलावा एसीसीयू और साइबर सेल की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
