अक्सर सुधार के कुछ प्रयास उल्टे परेशानी का सबब बन जाते हैं। ऐसा ही कुछ हो रहा है , इन दिनों व्यापार विहार- महाराणा प्रताप चौक के बीच स्थित मिनीमाता चौक पर ।संभाग के सबसे बड़े व्यापार मंडी व्यापार विहार मुख्य मार्ग पर मिनीमाता चौक पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया है। पहले यहां बिना ट्रैफिक सिग्नल के ही सामान्य तरीके से यातायात हुआ करता था, लेकिन यातायात को व्यवस्थित करने के नाम पर सिग्नल लगा दिया गया है, जो आफत साबित हुआ है। यहां अव्यावहारिक फैसले और दूरदर्शिता की कमी के चलते राहगीर रोज परेशान हो रहे हैं।
दिन भर जाम से जूझ रहे व्यापारी और राहगीर
असल में इस चौराहे पर एक तरफ व्यापार विहार की ओर से बड़ी संख्या में वाहन आते हैं तो दूसरी ओर महाराणा प्रताप चौक से व्यापार विहार आने वाले वाहनों की भी संख्या बहुत अधिक होती है। उसके अनुपात में भारतीय नगर और तालापारा से आने वाले वाहनों की संख्या बेहद कम रहती है । यहां सिग्नल पर 15 सेकंड का क्लीयरेंस टाइम तय किया गया है। मुश्किल यह है कि 15 सेकंड में तालापारा और भारतीय नगर से की ओर से आने वाले वाहन आसानी से निकल जाते हैं, लेकिन वाहनों की संख्या काफी अधिक होने से व्यापार विहार और महाराणा प्रताप चौक की ओर से आने वाले वाहन 15 सेकंड में रेड सिगनल पार नहीं कर पाते, जिस वजह से यहां वाहनों की लंबी कतार लग रही है। सड़क के एक ओर वाहनों की लंबी कतार लगने से जहां लोगों को बेवजह ट्रैफिक सिग्नल में फसना पड़ रहा है तो वहीं से यहां का कारोबार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है ।
10-20 वाहनों के लिए जो समय तय है, उतना ही समय अगर 100 से अधिक वाहनों को भी गुजरने के लिए दिया जाएगा तो फिर यह कैसे संभव है कि ट्रेफिक क्लियर हो ? यहां सिग्नल पर ग्रीन लाइट की प्रतीक्षा करते वाहन जब तक सिग्नल तक पहुंचते हैं तब तक एक बार फिर से सिग्नल दोबारा रेड हो जाता है। लोगों की शिकायत है कि उन्हें यह ट्रैफिक सिग्नल पार करने के लिए तीन से चार बार सिग्नल के ग्रीन होने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। इसके चलते उन्हें आधे घंटे से कभी-कभी 1 घंटे तक का इंतजार करना पड़ता है। यानी जो व्यवस्था ट्रैफिक को सुचारू बनाने के लिए की गई है वह उल्टे ट्रैफिक जाम की वजह बन रही है।
क्या है समस्या का कारण
यह सब कुछ यहां अव्यावहारिक फैसले की वजह से हो रहा है। महाराणा प्रताप चौक और व्यापार विहार की ओर से आने वाले वाहनों की संख्या इतनी अधिक होती है जिनका 15 सेकंड में सिग्नल पार करना संभव ही नहीं। जो व्यवस्था तालापारा और भारतीय नगर की ओर से आने वाले वाहनों के लिए सही है वह व्यवस्था भला व्यापार विहार और महाराणा प्रताप चौक की ओर से आने वाले वाहनों के लिए कैसे सही हो सकती है ? जबकि दोनों दिशाओ से आने वाले वाहनों की संख्या में भारी अंतर है। इसका दुष्परिणाम भी सामने है। दिनभर यहां वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती है और लोग ट्रैफिक जाम में फंसे दोबारा यहां ना आने की कसमें खाते दिख रहे हैं । यहां के कारोबारी भी रोज-रोज के जाम से तंग आ चुके हैं। जाम की वजह से उनका व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सड़क पर वाहनों की लंबी कतार होने से उनके दुकान तक ग्राहकों का पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है, जिस कारण वे भी परेशान है।
क्या हो सकता है निदान
लोग तो अब यह कहने लगे हैं कि इस स्थान पर या तो ट्रैफिक सिग्नल हटा लिया जाए या फिर इसे कम से कम दिन में बंद रखा जाए, ताकि सामान्य तरीके से यहां से ट्रैफिक गुजर सके, जैसा कि पहले हुआ करता था । या फिर व्यवहारिक फैसला लेते हुए व्यापार विहार और महाराणा प्रताप चौक की ओर से आने वाले वाहनों को सिग्नल क्रॉस करने के लिए अधिक वक्त दिया जाए।
अव्यवस्था से नाराज लोग आंदोलन का बना रहे मन
ऐसे हालत पिछले काफी समय से है लेकिन ना तो इस पर ट्रैफिक, पुलिस विभाग की नजर पड़ी है और ना ही जिला प्रशासन ही से लेकर कुछ करता दिख रहा है। ऐसे में स्थानीय व्यापारी इस मुद्दे को लेकर आंदोलन का मन बना रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या बिलासपुर में हर समस्या का निदान आंदोलन से होकर ही निकलेगा या फिर नीति निर्धारक स्वयं भी कोई फैसला जनहित में कभी लेंगे ?