बिलासपुर अपोलो अस्पताल में उम्रदराज महिला के सफल न्यूरो सर्जरी ने जगाई नई उम्मीद, टीम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी विस्तृत जानकारी

बिलासपुर अपोलो अस्पताल ने एक और उपलब्धि अपने नाम की है। जिस उम्र के मरीज के साधारण ऑपरेशन से पहले भी दो बार सोचना पड़ता है, उस उम्र दराज मरीज की सफल न्यूरो सर्जरी कर अपोलो बिलासपुर ने मेडिकल मिरेकल कर दिया है।


रायगढ़ जिले के छाल में रहने वाली 73 वर्षीय घसनीन बाई को 20 सितंबर को अचानक सिर में तेज दर्द हुआ। इसके साथ उन्हें उल्टी और मिर्गी का दौरा भी पड़ा। परिजनों उन्हें इलाज के लिए मेट्रो हॉस्पिटल लेकर गए जहां आरंभिक जांच के बाद अस्पताल ने गंभीर अवस्था को देखते हुए उन्हें किसी बड़े अस्पताल जाने की सलाह दी। जिसके बाद घसनीन के परिजन 21 सितंबर को उसे लेकर बिलासपुर अपोलो पहुंचे। यहां डॉ ए बी भट्टाचार्य ने इमरजेंसी में तत्काल m.r.i. और अन्य जांच की जिससे ब्रेन हेमरेज की पुष्टि हुई। अब बड़ा सवाल यह था कि आगे का इलाज कैसे किया जाए। क्योंकि न्यूरो सर्जरी में ओपन सर्जरी हमेशा से ही जोखिम भरा रहा है। दूसरा विकल्प एंजियोप्लास्टी की तरह से नस के माध्यम से भी हो सकता है लेकिन वह काफी खर्चीला होता है।


परिजनों की सहमति के बाद अपोलो के न्यूरो सर्जन डॉक्टर सुनील शर्मा ने ओपन सर्जरी का निर्णय लिया, जिसमे टाइटेनियम क्लिप लगाकर जटिल सर्जरी को पूरा किया गया। जांच में पता चला कि मरीज के खून की नली में गुब्बारा बन गया था जो फूट चुका था। यह हालत जानलेवा थी। ऐसी स्थिति में सर में अचानक तेज दर्द, उल्टी और अन्य कई लक्षण परिलक्षित होते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप लकवा पड़ सकता है, आंख की रोशनी जा सकती है और कई अन्य जटिलताएं नजर आ सकती है। ब्रेन एंजियोग्राफी से इसका पता लगाया जा सकता है। अपोलो के चिकित्सकों की टीम ने घसनीन बाई के ब्रेन को ओपन करें क्लिप लगाकर जटिल ऑपरेशन को पूरा किया , जिसके बाद मरीज की अवस्था में तेजी से सुधार देखा गया। 13 अक्टूबर को घसनीन बाई को डिस्चार्ज कर दिया गया। वर्तमान में उनकी हालत बेहतर है और वो दोबारा जांच के लिए बुधवार को अपोलो बिलासपुर पहुंची थी।


इस अवसर पर मीडिया से चर्चा करते हुए इमरजेंसी एक्सपर्ट डॉक्टर ए बी भट्टाचार्य, डॉक्टर राजकुमार और डॉक्टर सुनील शर्मा ने कहा कि ब्रेन स्ट्रोक की कोई खास वजह अब तक पता नहीं चली है। आमतौर पर यह जन्मजात हो सकता है लेकिन उच्च रक्तचाप, धूम्रपान की आदत ट्रिगर का कार्य कर सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह के ऑपरेशन में सफलता की संभावना काफी कम होती है लेकिन फिर भी बिलासपुर अपोलो अस्पताल में लगातार इस तरह की सफलता अर्जित हो रही है, जिसका खर्च आदमी भी उठाने में सक्षम है।


मेडिकल साइंस तेजी से तरक्की कर रहा है। कई जटिल ऑपरेशन भी सफलतापूर्वक संपन्न हो रहे हैं लेकिन अब भी न्यूरो सर्जरी के क्षेत्र में जोखिम हमेशा ही रहता है । बावजूद इसके एक उम्रदराज मरीज के जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक संपन्न कर बिलासपुर अपोलो ने न सिर्फ मरीज को नया जीवनदान दिया बल्कि ऐसे ही अन्य मरीजों के लिए एक नई उम्मीद भी पैदा की है।

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