बिलासपुर, 24 दिसंबर/ जलसंसाधन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी ने आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अफसरों की बैठक लेकर लंबित सिंचाई परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सिंचाई क्षमता को दोगुना करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का काम है। यह तभी संभव होगा जब तेजी से काम हो। सचिव ने कामों की वर्तमान धीमी प्रगति पर असंतोष जताते हुए तेज़ी से परियोजनाओं को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने अरपा नदी पर निर्माणाधीन शिवघाट एवं पचरीघाट बैराज का निरीक्षण कर जल्द कार्य पूर्ण करने के निर्देश संबंधित ठेकेदार को दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत की सीईओ एवं प्रभारी कलेक्टर श्रीमती जयश्री जैन, ईएनसी आई. उईके, एडीएम आर ए कुरुवांशी, सीई एके सोमावार सहित संभाग के सभी एसई व ईई उपस्थित थे।
सचिव श्री अन्बलगन ने अफसरों से पूछा कि सिंचाई परियोजनाएं समय पर पूर्ण क्यों नहीं हो रही हैं। अनुबंध समय से लगभग दोगुना समय क्यों लग रहा है। उन्होंने भूमि संबंधी विवादों का प्राथमिकता से निराकरण करने कहा है। इससे जुड़े राजस्व, वन सहित अन्य विभागों से सतत तालमेल बनाकर काम करें। सिंचाई जलाशयों के जल आबंटन भी समय पर नहीं हो पाने पर नाराजगी जताई। अमृत मिशन, जल जीवन मिशन और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए जल आवंटित करने के प्रावधान हैं। समय पर अनुमति नहीं मिलने पर उनकी परियोजना भी प्रभावित होती है। पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन मिलने पर एक सप्ताह से ज्यादा समय अनुमति प्रदान करने में नहीं लगने चाहिए। सचिव ने कहा कि खासकर बिलासपुर संभाग में भूमि अधिग्रहण पर पारदर्शिता और सजगतापूर्वक काम करें। यह न सोचें कि तबादला हो जाने पर गलती मुआफ हो जायेगी। उन्होंने सिंचाई राजस्व वसूली भी तेज करने के निर्देश दिए। राज्य स्तर पर 1100 करोड़ के वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध अब तक केवल 450 करोड़ ही हो पाया है। उन्होंने अगली बैठक में डिवीजन वार समीक्षा करने को कहा है। उन्होंने कोर्ट में लंबित प्रकरणों के निराकरण के बारे में भी मार्गदर्शन दिया। उन्होंने बैठक में सिंचाई परियोजनाओं में काम कर रहे ठेकेदारों की भी समस्याएं सुनी और समाधान का भरोसा दिया।