जनप्रतिनिधियों के विरोध प्रदर्शन के बाद झुकी रेलवे, बुधवारी बाजार से रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क को बंद करने के फैसले पर फिलहाल लगी रोक, गुरुवार को पहले की तरह ही यह सड़क यातायात के लिए कर दी जाएगी बहाल

बुधवार को ट्रेन पकड़ने की हड़बड़ी में जब लोग बिलासपुर रेलवे स्टेशन की ओर बुधवारी बाजार की तरफ से पहुंचे तो अचानक सड़क पर बैरिकेडिंग देखकर उनके माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई। रेलवे ने अचानक लिए फैसले के बाद बुधवार को बुधवारी बाजार से रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क को आवाजाही के लिए बंद कर दिया। चार पहिया वाहन चालक मुहाने पर आकर फंस गए। कार रिवर्स की कोशिश में यहां लंबा जाम लग गया। रेलवे का दावा है कि जब भी बिलासपुर रेलवे स्टेशन में यात्री ट्रेन पहुंचती है तो बिलासपुर स्टेशन से बाहर निकलने वाले यात्री बुधवारी बाजार क्षेत्र से होकर शहर की ओर बढ़ते हैं, लेकिन बुखारी बाजार क्षेत्र में वाहनों की अधिक संख्या और सड़क संकरी होने के चलते जाम की स्थिति बनती है। इसलिए रेलवे ने नए फैसले के तहत ट्रैफिक को डायवर्ट किया है।


नए फैसले के तहत बुधवारी बाजार की ओर से रेलवे स्टेशन जाने वाले मार्ग के यातायात को यूनियन ऑफिस रोड, तितली चौक और स्टेशन चौक से डायवर्ट किया गया । साथ ही हेमू नगर छोर से स्टेशन की ओर आने वाली यातायात को भी तितली चौक और यूनियन ऑफिस रोड से डायवर्ट किया गया। इसी तरह व्यापार विहार और साईं मंदिर की दिशा से स्टेशन में आने वाले यात्रियों के लिए स्टेशन चौक से स्टेशन पहुंचने की व्यवस्था की गई। हेमू नगर, तोरवा , लाल खदान , मस्तूरी, देवरीखुर्द आदि क्षेत्र से आने वाले यात्रियों को नई व्यवस्था के तहत तितली चौक होते हुए स्टेशन पहुंचना पड़ेगा।
इस फैसले को अव्यावहारिक और तुगलकी फरमान बताते हुए बिलासपुर और रेलवे क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने मुखालफत की। बड़ी संख्या में यहां पहुंचे जनप्रतिनिधि नागरिकों और स्थानीय व्यापारियों की मांग का समर्थन करते हुए धरना प्रदर्शन पर बैठ गए। जिसके बाद रेलवे के अधिकारी भागे भागे पहुंचे ।


यहां यातायात रोकने के लिए सड़क पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी। इसकी जानकारी आम लोगों को ना होने की वजह से रेलवे स्टेशन पहुंचने वाले यात्री दुविधा में फंसे नज़र आए। उन्हें वापस तितली चौक होकर स्टेशन पहुंचना पड़ा, जिस कारण से उनकी ट्रेन छूटने की नौबत आ गई। इस फैसले से नाराज बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे, पार्षद शहजादी कुरैशी, रेलवे क्षेत्र के नेता वी रामराव, हरि गुरुंग आदि धरने पर बैठ गए, जिनसे मिलने पहुंचे अधिकारियों को कहा गया कि बिना किसी पूर्व सूचना और वैकल्पिक व्यवस्था के रेलवे ने यह फैसला लिया है। बुधवारी बाजार की ओर से रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क को बंद कर दिया गया है, जिससे अब पूरा ट्रैफिक तितली चौक से होकर गुजरेगा। यानी इस दौरान एक तरफ यात्री शहर से स्टेशन की ओर भी जाएंगे और स्टेशन से शहर की ओर भी । यानी दोनों तरफ से यात्रियों के आने से जाहिर तौर पर इस सड़क पर जाम लगेगा। इसके लिए किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। अव्वल तो इसके लिए एक महीने पहले सूचना जारी करना था। ऊपर से आवाजाही के लिए केवल एक सड़क को चिन्हित किया गया है जो व्यावहारिक नहीं है।

इस मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल से डीआरएम प्रवीण पांडे की चर्चा हुई। जिसमें रेलवे के बड़े अधिकारी भी शामिल रहे। चर्चा के दौरान विधायक शैलेश पांडे और रेलवे क्षेत्र के जनप्रतिनिधि वी रामाराव ने स्थानीय लोगों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि इससे एक तरफ जहां यात्रियों को परेशानी होगी तो वही स्टेशन के बाहर मौजूद दुकान के व्यापारियों का व्यापार चौपट हो जाएगा। विस्तृत चर्च के बाद डीआरएम ने प्रतिनिधिमंडल की बात मान ली है और आश्वस्त किया कि इस संबंध में और भी विकल्प तलाशते हुए पुख्ता इंतजाम के पश्चात ही इस नियम को लागू किया जाएगा। चर्चा के दौयान देर शाम हो जाने के कारण फिलहाल ऑटो और मोटर बाइक के आने-जाने के लायक वैकल्पिक व्यवस्था कर दी गई है। डीआरएम ने आश्वस्त किया है कि गुरुवार सुबह एक बार फिर से बुधवारी बाजार से बिलासपुर रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। मीडिया से चर्चा करते हुए पूर्व पार्षद और कोरबा लोकसभा प्रभारी वी रामराव ने कहा कि रेलवे के इस अव्यवहारिक निर्णय से पहले ही दिन भारी अफरातफरी नजर आई। स्टेशन जाने वाले यात्री बैरीकेट की वजह से वापसी के लिए जाम में फंसते दिखे। तो वही पहले ही दिन व्यापारी बेहाल नजर आए। उन्होंने साफ कहा कि स्थानीय नागरिकों के हित की अवहेलना कर रेलवे के किसी भी अव्यवहारिक फैसले को लागू नहीं होने दिया जाएगा।

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