


बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने प्रो. बैद्यनाथ लाभ कुलपति नव नालंदा महाविहार (मानित विश्वविद्यालय) विश्वविद्यालय, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के बीच हुई मुलाकात के दौरान दोनों संस्थानों के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।
दिनांक 02 दिसंबर,2022 को कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि भारत की वैभवशाली, गौरवशाली एवं गरिमामय ज्ञान परंपरा को वैश्विक आध्यात्मिक एवं अकादमिक जगत में नालंदा का विशेष महत्व रहा है। दोनों संस्थानों के मध्य हुए इस समझौता ज्ञापन के माध्मय से भारतीय ज्ञान परंपरा के अध्ययन को नया आयाम प्राप्त होगा, जिसके माध्यम से भारत की वैश्विक परिदृश्य में विश्व गुरु के रूप में पुर्नस्थापना को बल मिलेगा।
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि आने वाले समय में दोनों उच्च शिक्षण संस्थान योग एवं विपश्यना के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए स्नातकोत्तर स्तर के पीजी कार्यक्रमों को प्रारंभ करने पर विशेष जोर दिया है। हमारे प्राचीन भारतीय साहित्य और संस्कृति के विभिन्न तत्वों का समागम नालंदा में मिलता है। बौद्ध साहित्य के ज्यादतर ग्रंथ पालि भाषा में उपलब्ध हैं जिन्हें अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवादित कर प्रचार एवं प्रसारित किये जाने का कार्य भी इस एमओयू के अंतर्गत किया जाएगा।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से दोनों संस्थानों के शिक्षक एवं शोधार्थी आपस में मिलकर शोध, अनुसंधान एवं नवाचार जैसे विषयों पर कार्य संपादित कर सकेंगे। इस एमओयू के अंतर्गत संयुक्त रूप से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी, कार्यशाला एवं अकादमिक बैठकों का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में युवाओं के सर्वागीण विकास में उसके चारित्रिक विकास, आध्यात्मिक विकास के साथ शिक्षा के सूत्र को आधार बनाया गया है। जिसमें प्राचीन भारत की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत एवं प्रगति का मूल आधार शिक्षा ही है।
प्रो. बैद्यनाथ लाभ कुलपति नव नालंदा महाविहार (मानित विश्वविद्यालय) विश्वविद्यालय, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि इस समझौता ज्ञापन से दोनों संस्थानों को भाषा, संस्कृति एवं ऐतिहासिक ज्ञान परंपरा को विकसित एवं संरक्षित करने में सहयोग मिलेगा। उन्होंने प्रोफेसर चक्रवाल द्वारा गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय की अभिनव योजना स्वावलंबी छत्तीसगढ़ के अंतर्गत युवाओं को उद्यमिता विकास, कौशल विकास और मूल्य आधारित शिक्षा के आधार पर आत्मनिर्भर बनाने हेतु अपनाई गई प्रक्रिया की सराहना की।
नव नालंदा महाविहार (मानित विश्वविद्यालय) विश्वविद्यालय पूर्वी भारत में स्थित ऐसा आधुनिक संस्थान है जो बौद्ध धर्म और पालि भाषा के अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।