

बिलासपुर। गुरू घासीदास (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) विश्वविद्यालय में दिनांक 03 नवंबर, 2022 को दिनांक 03 से 09 नवंबर, 2022 तक मोलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स -एडवांसेज एंड एप्लिकेशन्स विषय पर सात दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। अंतरविषयक शिक्षा एवं अनुसंधान विद्यापीठ के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी विभाग के स्मार्ट क्लास रूम में सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने किया। मंचस्थ अतिथियों में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव, कार्यशाला के डायरेक्टर प्रो. बी.एन. तिवारी, चेयरपर्सन डॉ. रेणु भट्ट, संयोजक डॉ नवीन विश्वकर्मा एवं आयोजन सचिव डॉ. धनंजय शुक्ला सहायक प्राध्यापक जैव प्रौद्योगिकी विभाग उपस्थित रहे।
मंचस्थ अतिथियों ने सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलित कर मां सरस्वती के समक्ष पुष्प अर्पित किये। तत्पश्चात नन्हें पौधे से अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यशाला के डायरेक्टर प्रो. बी.एन. तिवारी ने स्वागत उद्वोबधन दिया। कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव, चेयरपर्सन डॉ. रेणु भट्ट एवं संयोजक डॉ नवीन विश्वकर्मा ने कार्यशाला के संबंध में अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने सात दिवसीय कार्यशाला के सफल आयोजन के लिए आयोजनकर्ताओँ को शुभकामनाएं तथा बधाई दी। हमारे शोध का विषय मानवीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए गुणवत्तापूर्ण एवं मानव कल्याण आधारित होना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अनुभवजन्य शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के साथ रोजगारपरकता पर विशेष बल दिया गया है। यह कार्यशाला प्रतिभागियों को शोध के विभिन्न सूक्ष्म पहलूओं से अवगत कराते हुए नये प्रतिमान स्थापित करने के लिए प्रेरित करेगी।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि कार्यशाला में उच्च शोध संस्थानों, उद्योग जगत और अकादमिक क्षेत्र के जाने माने विषय-विशेषज्ञ अपने अनुभव एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण से प्रतिभागियों को नवीन शोध के लिए प्रशिक्षित करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वर्षों में युवा शोध के क्षेत्र में नवीन प्रयोग करेंगे।

उद्घाटन अवसर पर मंचस्थ अतिथियों द्वारा विभिन्न प्रशिक्षण से संबंधित दिशा-निर्देश के विषय में एक हैंडबुक का विमोचन किया गया। कार्यशाला में देश के विभिन्न संस्थानों के 32 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है। इसमें देश-विदेश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों, उद्योग जगत एवं शोध संस्थानों के विषय विशेषज्ञ प्रतिभागियों से शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में विचार साझा करेंगे। इस कार्यशाला को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, एसईआरबी तथा डीआरडीओ, रक्षा मंत्रालय भारत सरकार, कॉरपोरेट क्षेत्र की कंपनी एपंडॉर्फ, मातुश्री ट्रेडिंग कंपनी एवं एपीएस कॉरपोरेशन द्वारा आंशिक रूप से वित्तीय सहयोग प्राप्त हुआ है।
डॉ. हरित झा सहायक प्राध्यापक जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन जैव प्रौदियोगिकी की शोधार्थी अरुंधति मेहता ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षणकगण एवं बड़ी संख्या में शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित थे।
