प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने 28 जनवरी 2002 को सीपत एनटीपीसी का शिलान्यास किया था और आज इस मेगा पावर प्रोजेक्ट में 2980 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है ।जिससे छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश राजस्थान सहित मध्य एवं पश्चिम भारत के कई राज्यों को बिजली प्रदान किया जा रहा है बिजली उत्पादन के अलावा एनटीपीसी अब उर्वरक उत्पादन के क्षेत्र में भी उतर चुका है । अपनी कार्यप्रणाली के चलते अब तक कई सम्मान एवं पुरस्कार हासिल कर चुके एनटीपीसी थर्मल पावर की उपलब्धियां मीडिया से साझा करने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जहां पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए संस्था प्रमुख ने उपलब्धियां गिनाई
थर्मल पावर के साथ कई समस्याएं भी आती है। प्लांट से निकलने वाला राख हो , बेतहाशा पानी का इस्तेमाल और तापमान एक समस्या है। बिलासपुर में बढ़ते तापमान का दोष हमेशा एनटीपीसी के माथे ही लगा है। हालांकि एनटीपीसी प्रबंधन इन आरोपों को सिरे से खारिज करता है और उनका दावा है कि वे सभी पैमानों पर खरा उतर रहे हैं साथ ही प्रदूषण दूर करने लगातार प्लांटेशन करवाया जा रहा है। द्वारा सीएसआर मदद से प्रभावित गांव और आसपास के शहरी क्षेत्रों में लगातार विकास को गति देने का भी दावा किया गया । छत्तीसगढ़ में फुटबॉल को भी प्रोत्साहित एनटीपीसी द्वारा ही किया जा रहा है ।ग्रामीण स्कूलों में बच्चों के लिए शिक्षा का विषय हो या फिर ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वरोजगार, साथ ही किसानों के लिए गोपालन और अन्य विषयों में भी एनटीपीसी विशेष सहयोग कर रहा है ।