जागृत मंच ने ईश्वरचन्द्र विद्यासागर की 202 वीं वर्षगांठ जन्म जयंती कार्यक्रम किया

पखांजुर से बिप्लब कुण्डू–28।9।22

पखांजुर,
जागृत मंच ने ईश्वर चन्द्र विद्यासागर का 202 वीं वर्ष जन्म जयंती पखांजूर शुभपल्ली में श्रद्धांजलि सभा आयोजित किया।जागृति मंच सचिव निबस अधिकारी, मनोरंजन सरकार, बंदना,तुलसी आदि ने फुल एवं माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दिया।रानी तनिशा ,अनिशा ,मौमिता ,जुंई ,आदि ने प्रेरणादायक गीत की प्रस्तुत किया।सभा संबोधित करते हुए जागृति मंच सचिव निबस अधिकारी ने कहां है कि ईश्वर चन्द्र विद्यासागर का जीवन संघर्ष और मानवीय उच्च विचार से लैस होकर समाज को मानवीय मुल्लयबोध की उच्च हृदय वृत्ति कि धारा से जोड़ सकते हैं।वैज्ञानिक सिद्धांत व चिन्तन से सत्यता कि दुनिया में मानवीय मुल्लयबोध का पतन एवं अधोगती कि कारण का अनुधावन करना है। हम आख मूंदकर रह कर भावी पीढ़ी कि उज्जवल रौशनी का आशा नहीं कर सकते हैं । हम हमारे भविष्य पिढ़ी को बचा नहीं सकते है। इस कठिन परिस्थिति से समाज का सूरक्षा ईश्वरचन्द्र विद्यासागर का आदर्श, चरित्र का शिक्षा लेकर सामाजिक बुराईओं के विरोध करने कि शक्ति हासिल कर सकते है।उनके जीवन संघर्ष वास्तविकता से प्रेरणा लेकर समाज में प्रेरणादायक महौल निर्मित कर सकते हैं। जागृति मंच पखांजूर विद्यासागर का दो सौ दो वर्ष गांठ जन्म जयंती गांव, शहर से लेकर प्रत्येक घर-घर एवं जन-जन तक उनके उच्च,भावना एवं शोषण मुक्त समाज कि बीचार का संदेश पहुंचने में प्रयस रत है।

विद्यासागर भारतीय नवजागरण के प्राण पुरुष शिक्षा प्रसार के लिए विद्यालय का प्रतिष्ठा, शिक्षक निर्मित के लिए विद्यालय, शिक्षा हेतु पाठ्यक्रम एवं पाठ्यपुस्तक रचना, भाषा की उन्नति के लिए व्याकरण ,शब्द कोष ,महिला शिक्षा का प्रसार, गरीब छात्रों केलिए लिखाने- पढ़ने में सहयोग इतने सारे कार्य प्रबल बाधा के विरुद्ध कैसे करके किया है।यह गंभीरता से मंथन करने का विषय है ।क्योंकि उस समय ऐसे महान शिक्षाविद नहीं था, यह तक कि उनके बाद भी इस देश के शिक्षा क्षेत्रों में ऐसे महान आधुनिक इन्सान देखने को ही नहीं मिलता है। रुढीवाद, धर्मांधता, अंधविश्वास, बाल विवाह, बहुविवाह जैसे कुप्रथा के समाप्ति के दाता, अद्वितीय बागला भाषा शिक्षा के संस्कारक। विद्या के सागर, दया के सागर, करुणा के सागर, समाज सुधारक, शिक्षा असाधारण व्यक्ति ।समाज सुधारक, विधवा विवाह प्रवर्तक ईश्वरचन्द्र विद्यासागर का जीवन संघर्ष एवं प्रेरणादायक शिक्षा आज भी प्रसंगिक है। समाज में उच्च हृदय वित्त मनुष्य कि निर्माण में जिम्मेदारी निभाने हेतु संकल्प लेने कि अपील किये है।मौमिता,
अनिशा,गंगा, गामिनी, अभिजीत, गीता,तुलसी, बंधना,लालमोहन ,प्रतिमा,जुंई, ज्योत्स्ना,बिप्लब आदि उपस्थित रहे।

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