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रेलवे के कुछ अधिकारियों द्वारा रेलवे के राजस्व को नुकसान पहुंचाने और रनिंग स्टाफ के साथ अमानवीय व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों की संख्या में रेलवे रनिंग स्टाफ संयुक्त लॉबी के सदस्य रैली निकालकर डीआरएम कार्यालय पहुंचे और कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया।
जिन्होंने आरोप लगाया कि रेलवे के कुछ अधिकारी साजिश रचते हुए रेलवे को राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं। ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने आरोप लगाया कि बिलासपुर मंडल की साइडिंग में मालगाड़ी का औसत लोडिंग- अनलोडिंग समय 2 से 4 घंटे हैं, किंतु साइडिंग के सुविधा विहीन रेस्ट रूम में रनिंग स्टाफ को 6 से 8 घंटे का ब्रेक कराकर लोडिंग अनलोडिंग के समय को बेवजह बढ़ाया जा रहा है, जिससे रेलवे को नुकसान हो रहा है। साथ ही यहां रेलवे रनिंग स्टाफ को विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। रनिंग रूम में कोल डस्ट प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण तथा अनहाइजीनिक पॉलीबैग में खाना खाने को मजबूर किया जा रहा है। इस वजह से रनिंग स्टाफ को अधूरा विश्राम मिल पाता है जो रेल परिचालन की संरक्षा के लिए भी खतरा है।
रनिंग स्टाफ ने आरोप लगाया कि एसईसीआर में सवारी गाड़ियों को नियमित रूप से ना चला कर माल गाड़ियों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिसके कारण सवारी गाड़ियां हर सिग्नल पर खड़ी होकर घंटों विलंब से चल रही है, यह भी दुर्घटना की बड़ी वजह बन सकती है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि रेलवे के पुरस्कृत होने वाले प्रतिभावान रनिंग स्टाफ और सुपरवाइजर को उनके मूल कार्य के विपरीत अन्य कामों में उनका दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे रेल दुर्घटना की आशंका बन रही है। इसे लेकर रनिंग स्टाफ में भारी रोष है। इन्ही मुद्दों को लेकर रनिंग स्टाफ ने बिलासपुर डीआरएम कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की और व्यवस्था बदलने की मांग की।