श्री राम दरबार की आरती उतारकर रेलवे क्षेत्र में आयोजित राम लीला का भाजपा नेता रामाराव ने किया उद्घाटन, आयोजन का यह 72 वां वर्ष

सीता राम चरित अति पावन, मधुर सरस और अति मनभावन,
पुनि पुनि कितने हो सुने सुनाये,
हिये की प्यास बुझत ना बुझाये

श्री राम कथा की ऐसी ही महिमा है कि बार-बार सुनने के बाद भी मम तृप्त नहीं होता। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का चरित्र ऐसा आदर्श चरित्र है जिसका अंश मात्र भी मनुष्य के स्वभाव में आ जाए तो मानव महामानव बन जाए। यही कारण है कि हर साल रामलीला का आयोजन कर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्श के दर्शन किए जाते हैं । कोरोना से प्रभावित 2 वर्ष के बाद इस वर्ष एक बार फिर रेलवे क्षेत्र में हिंदुस्तानी सेवा समाज द्वारा रामलीला मैदान में रामलीला का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन का यह 72 वर्ष है।तोरवा थाना के बगल में स्थित रामलीला मंच में आदर्श रामलीला मंडली अकलतरी के कलाकार रामायण के पात्रों को जीवंत कर रहे हैं।


26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक चलने वाले इस ऐतिहासिक रामलीला का उद्घाटन रेलवे क्षेत्र के पूर्व पार्षद व्ही रामा राव, रेलवे सीसीएम नवीन सिंह और डिप्टी सीओएम श्री द्विवेदी द्वारा किया गया। इस अवसर पर रामलीला समिति के अध्यक्ष राजवीर सिंह, उपाध्यक्ष पी के अवस्थी, विजय अग्निहोत्री, संतोष पाठक, सचिव नागेंद्र कुमार, संतोष पांडे , सी नवीन कुमार आदि उपस्थित रहे।

हर वर्ष प्रतिपदा से लेकर विजयादशमी तक आयोजित होने वाले रामलीला की पहचान दूर-दूर तक है। क्षेत्र की कई पीढ़ी ने हिंदुस्तानी सेवा समाज द्वारा आयोजित इस राम लीला का आनंद लिया है। जिनकी स्मृतियां आज भी ताजी है । नई पीढ़ी में भी रामलीला को लेकर वैसा ही उत्साह देखा जा रहा है। आयोजन के पहले दिन भगवान शंकर ने माता पार्वती को राम कथा सुनाते हुए कहा कि जब- जब पृथ्वी पर पाप और अत्याचार बढ़ता है तब- तब श्री हरि विष्णु अवतार लेकर पाप और पापी का सहार करते हैं। त्रेता और द्वापर युग में राम और कृष्ण ने किस प्रकार पापियों का सहार किया यहां से कथा का आरंभ किया गया। शुभारंभ अवसर पर रेलवे क्षेत्र के भाजपा नेता और पूर्व पार्षद वी रामा राव ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन चरित्र में जीवन के उच्च आदर्श समाहित थे। वे अपने सभी स्वरूपों में श्रेष्ठ और विराट है । एक श्रेष्ठ राजा , आदर्श पुत्र परम प्रिय भ्राता ,आदर्श पति कुल मिलाकर सभी मानवीय संबंधों में वे सर्वश्रेष्ठ हैं।

भगवान श्री राम के जीवन चरित्र से सभी कुछ ना कुछ सीख सकते हैं। रामाराव ने उम्मीद जताई कि इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने वाले श्रद्धालु अपनी संस्कृति से परिचित होने के साथ भगवान श्री राम के चरित्र का जरा सा भी अंश अगर अपने जीवन में उतार पाए तो उनका जीवन आदर्श और निष्कलंक हो सकता है। साथ ही उन्होंने हिंदुस्तानी सेवा समाज की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने रामलीला की प्राचीन परंपरा को अक्षुण्ण रखा है। सिनेमा, टीवी, मोबाइल और इंटरनेट के जमाने में ऐसी परंपराएं बिखर रही है, जो हमारी धरोहर है। हिंदुस्तानी सेवा समाज जैसी संस्थाएं अल संसाधन में भी इन परंपराओं को बचाने का जो भगीरथ प्रयास कर रही है, इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। आयोजन की सफलता के लिए उन्होंने उपस्थित श्रद्धालु दर्शकों के प्रति भी आभार जताया, जिनके बिना यह आयोजन इतना लंबा सफर कभी नहीं तय कर पाता।


रेलवे क्षेत्र में हिंदुस्तानी सेवा समाज द्वारा केवल रामलीला का आयोजन ही नहीं किया जाता बल्कि विजयदशमी पर नॉर्थ ईस्ट इंस्टिट्यूट मैदान में शहर के सबसे बड़े और भव्य रावण दहन का भी आयोजन किया जाता है। 5 अक्टूबर शाम 6:00 बजे होने वाले इस आयोजन के लिए ज्ञानेश्वर कामले रावण का पुतला बनाने में जुटे हुए हैं। आपको बता दें कि रेलवे क्षेत्र में आयोजित होने वाला यह दशहरा कार्यक्रम पूरे शहर में की नहीं बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रसिद्ध है और इस दिन यहां हजारों की संख्या में लोग रावण दहन देखने पहुंचते हैं। रेलवे क्षेत्र रामलीला मैदान में आयोजित रामलीला आगामी विजयदशमी यानी 5 अक्टूबर तक चलेगी।

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