
आलोक मित्तल

बिलासपुर के मोपका और चिल्हाटी में चर्चित जमीन घोटाले के आरोपी भोंदू दास, हैरी जोसेफ और पटवारी अशोक जयसवाल की जमानत याचिका हाई कोर्ट में खारिज कर दी गई । सरकारी और निजी जमीनों की फर्जी तरीके से बंदरबांट करने के मामले में रिक्शा चालक भोंदू दास को आरोपी बनाया गया है, तो वही कई, जमीन दलाल, सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी इसमें दोषी पाए गए हैं। फर्जी विक्रय पत्र के सहारे जमीन अपने नाम करने और बेचने के प्रयास की खबरें बाहर आने के बाद इस मामले में उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए। आई जी द्वारा टीम का गठन करने के पश्चात एफ आई आर दर्ज की गई। इस मामले में सुरेश मिश्रा और एक अन्य आरोपी को पहले ही जमानत मिल चुकी है, जिसका जिक्र करते हुए आरोपी भोंदू दास हैरीजोसेफ और अशोक कुमार जयसवाल ने जमानत याचिका दायर की थी।
रिक्शा चालक भोंदू दास और हैरी जोसफ की ओर से एडवोकेट अच्युत तिवारी ने बहस की, तो वही अशोक कुमार जयसवाल की पैरवी गौतम खेत्रपाल कर रहे थे। शासन की ओर से अली असगर और आयाज नवेद ने केस लड़ा, जिन्होंने आपत्ति करते हुए कोर्ट को बताया कि यह एक बहुत बड़ा स्कैम है। इसमें कई आरोपी है और उनकी विवेचना जारी है। इन लोगों द्वारा विक्रय पत्र को रजिस्ट्री ऑफिस से निकालकर उसमें कूट रचनाकर नाम और खसरा नंबर बदला गया, जिसकी पुष्टि हो चुकी है। सुनवाई के बाद जस्टिस रजनी दुबे ने तीनों आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया। हालांकि मुख्य आरोपी को जमानत मिल जाने की वजह से एक अन्य मामले में है हैरी जोसफ को जमानत का लाभ मिल गया, लेकिन दूसरे प्रकरण में जमानत निरस्त होने से वह भी भोंदू दास और अशोक जायसवाल के साथ अभी जेल में ही रहेगा।
