
आलोक

गणेश चतुर्थी के एक दिन बाद यानी पितर पक्ष के पहले दिन शनिवार को भी गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन दिनभर चलता रहा। सुबह से लेकर रात तक छोटी -बड़ी प्रतिमाएं बिलासपुर के घाटों में पहुंचती रही। इस बार जागरूकता के चलते अधिकांश लोग बिना डीजे, बैंड बाजे के ही सादगी के साथ प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए घाट पर पहुंचे। घाट पर पहुंचकर गणपति बप्पा की आरती उतारी गई और अगले बरस जल्दी आने की कामना करते हुए उन्हें विसर्जित कर दिया गया। गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के मद्देनजर बिलासपुर के पचरी घाट और छठ घाट में विशेष व्यवस्था की गई है। यहां रात में रोशनी के साथ क्रेन, गोताखोर और पुलिस सुरक्षा की व्यवस्था की गई है ,ताकि लोग बिना किसी दिक्कत के प्रतिमाओं का विसर्जन कर सके। गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए देवरीखुर्द चेक डैम के दरवाजे बंद कर दिए गए हैं ताकि नदी में जलभराव बेहतर हो सके। छठ घाट में नदी लबालब है जिससे प्रतिमाओं का विसर्जन आसानी से हो पा रहा है। बड़े प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए यहां क्रेन की भी व्यवस्था की गई है।

