

इन दिनों बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी में तेज बहाव है, जिस वजह से रोज किसी न किसी की इस नदी में डूबकर मौत हो रही है। तभी तेज बहाव में बह कर तो कभी खुदकुशी की वजह से लोगों की जान अरपा नदी डूब कर जा रही है।
बुधवार को एक युवक को बचाने की कोशिश में मछुआरा पानी में डूब गया। हैरानी इस बात की है कि मछुआरा हमेशा पानी में डूबने वाले लोगों की मदद कर उनकी जान बचाता था, लेकिन वह खुद अपनी जान नहीं बचा सका।
सिटी कोतवाली क्षेत्र के पचरीघाट में रहने वाला मोनू बुनकर मंगलवार की रात करीब 8:00 बजे शनिचरी रपटा से नदी में गिर गया। नदी में तेज बहाव होने की वजह से वह पानी में बह गया। इसकी जानकारी होने पर एसडीआरएफ की टीम देर रात तक युवक की तलाश करती रही लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला।
इसी दौरान जूना बिलासपुर के पचरीघाट में रहने वाले 45 वर्षीय दौलत केवट को भी मोहल्ले के युवक के बह जाने की जानकारी हुई। मछली पकड़ने वाला दौलत कुशल गोताखोर था, इसलिए सुबह करीब 9:00 बजे वह मोनू की तलाश में अरपा नदी में उतर गया और आसपास तैर कर उसकी तलाश करने लगा, लेकिन देखते ही देखते वह भी गायब हो गया ।

SDRF की टीम पहुंची तो मोनू की तलाश करने थी, लेकिन दोपहर बाद उनके हाथ दौलत की लाश लगी। बुधवार को भी मोनू बुनकर की लाश एसडीआरएफ को नहीं मिल पाई है, जो करीब 2 किलोमीटर तक उसकी तलाश कर चुकी है ।
इस मामले में हैरान करने वाली बात यह है की दौलत मछली पकड़ने का काम करता था और उसे तैरना आता था। उसका काम हमेशा पानी में ही होता था लेकिन पता नहीं कैसे वह उसी नदी में डूब गया जहां वह मछली पकड़ा करता था। दूसरे की जान बचाने की कोशिश में दौलत ने अपनी कुर्बानी दे दी। इधर मोनू के परिजनों का भी रो रो कर बुरा हाल है जिसका अब तक कुछ पता नहीं चल सका है।
