
पखांजूर से बिप्लब कुण्डू-

एक ओर जरूरतमंदो को समय पर दवाइयां उपलब्ध नहीं हो रही है। वहीं दूसरी ओर सड़कों पर जीवनरक्षक दवाइयां फेंकी जा रही है, जो अप्रिय बीमारियों को आमंत्रित कर सकता है।
पखांजूर–
एक ओर जरूरतमंदो को समय पर दवाइयां उपलब्ध नहीं हो रही है। वहीं दूसरी ओर सड़कों पर जीवनरक्षक दवाइयां फेंकी जा रही है, जो अप्रिय बीमारियों को आमंत्रित कर सकता है। बता दें कि बड़गांव से परतापुर मार्ग में मुख्य सड़क से मात्र 10 मीटर की दूरी पर जीवनरक्षक दवाइयों का जखीरा खुलेआम फेंका गया है। हालांकि उक्त दवाइयां एक्सपायर हो चुकी है औऱ दवाइयों पर सरकारी लेबल भी नहीं लगा हुआ है। बावजूद चिंतनीय विषय यह हैं कि इतनी बड़ी तादात में एक्सपायरी दवाइयां यहां आया कैसे.?
गौरतलब है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी लगभग एक किमी है। इसके अलावा गांव मे चार से पांच मेडिकल स्टोर है। ऐसे में स्पस्ट नहीं हो पा रहा है कि यहां दवाइयां किसने फेंकी है। हालांकि जांच के बाद स्पष्ट हो सकता है कि यहां एक्सपायर हो चुकी दवाइयां आखिर आई कैसे.? इसके अलावा मौके पर गर्भ निरोधक दवाइंया, प्रयोग किए गए निडिल, ग्लूकोज के बोतल व अन्य चिकित्सकीय सामग्री खुलेआम फेंकी गई है। खुले में एक्सपायर दवाइयों से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव न पड़े, इसके लिए वैज्ञानिक तरीके से इसे नष्ट किया जाता है।
यह कार्य इंसीनेटर की मदद से प्रदूषण बोर्ड की निगरानी में होता है, लेकिन फार्मा कंपनी दवा विक्रेता दवाइयों के नष्ट करने में आने वाले खर्च से बचने के लिए अवैध रूप से इसे खुले में ही फेंक दिया गया है। जहां दवाइयां फेंकी गई है वह बड़गांव से परतापुर मार्ग से महज 10 मीटर की दूरी पर है, ऐसे में इस रास्ते मे लोगो का आनाजाना लगा रहता है। लोग जब यहां पहुंचते है तो मुंह ढक कर आवाजाही करने को मजबूर है। लेकिन लोग जानते है कि लापरवाह जिम्मेदारों को इस मामले से अवगत कराने के बावजूद जिम्मेदारों के कानो में जू तक नहीं रेंगेगा।
इसलिए मुंह बंद कर गुजरना ही बेहतर मानते है। दवाइयों को नष्ट करने के लिए बहुत सख्ती बरती जानी चाहिए। इसके बावजूद दवा निर्माता कंपनी और एजेंसियां लोगों की सेहत को दरकिनार कर खुले में भी एक्सपायर दवाइयां फेंक दिया गया है। खुले में बिखरी दवाइयों से लोगों और जानवरों को खतरा बन सकता है। खुले फेंकी गई यह दवाइयां संक्रमण को भी निमंत्रण देने के साथ साथ मनुष्य में अवांछित प्रभाव पड़ने का खतरा बना हुआ है।
तत्काल खंड चिकित्सा अधिकारी को मौके पर भेजता हूं।एक्सपाइरी दवाइयों को खुले में फेंकना वाकई गलत है। आखिर यहां इतनी दवाइयां आई
कैसे इसकी जांच करवाता हूं, उसके बाद ही कुछ कह पाऊंगा।
- डा. जेएल उइके, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी कांकेर।
