

कश्मीर से धारा 370 हटाना मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धियों में से एक है, इसका संकल्प जनसंघ के संस्थापक और स्वतंत्र भारत के प्रथम वाणिज्य मंत्री डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने लिया था। गुरुवार को उनकी पुण्यतिथि देशभर में मनाई गई। 6 जुलाई 1901 में जन्मे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। वे बेहद अल्पायु में ही कोलकाता विश्वविद्यालय के कुलपति बन गए थे। बैरिस्टर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रयास से 1946 में बंगाल और पंजाब को पाकिस्तान में मिलने से बचाया जा सका था। 1951 में उन्होंने जनसंघ की स्थापना की। उस दौरान कश्मीर में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान हुआ करते थे, जिसका विरोध करते हुए उन्होंने आंदोलन छेड़ा था। इसी दौरान 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई थी । उनकी हत्या की आशंका जताई जाती है। देश के लिए पूर्णतया समर्पित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान का स्मरण करते हुए गुरुवार को उनकी पुण्यतिथि मनाई गई।

बिलासपुर के बूथ क्र. १२२ में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान दिवस मनाते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
जिसमे बूथ अध्यक्ष श्री बजरंग शर्मा, श्रीमती स्नेहलता शर्मा, श्रीमती किरण मेहता, श्री राम रोहरा, श्रीमती सुधा परिहार, श्रीमती सीमा अग्रवाल, मनुराज, श्री गोपाल सिंह, श्री वीरेंद्र गोस्वामी, पाठक जी, आकाश मिश्रा उपस्थित हुए।
