पखांजूर से बिप्लब कुण्डू//

पखांजूर…
एक ओर भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत पखांजूर के नर नारायण सेवा आश्रम में मुख्यमंत्री ग्रामीणों से रूबरू हुए। जहां मुख्यमंत्री आदिवासी हितैषी होने का दावा करते रहे।छत्तीसगढ़ में आदिवासी हितैषी होने का दावा करने वाली कांग्रेस की सरकार में आदिवासियों को ही मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया गया। एक ओर भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत पखांजूर के नर नारायण सेवा आश्रम में मुख्यमंत्री ग्रामीणों से रूबरू हुए। जहां मुख्यमंत्री आदिवासी हितैषी होने का दावा करते रहे। वहीं दूसरी ओर छोटेबेठिया में बेरीकेट लगाकर प्रशासन के लोग सुरक्षा के कड़े इंतजाम के साथ डटे रहे। जिससे बेरिकेट के उस पार के आदिवासी काफी आक्रोशित हुए।
गौरतलब है कि जैसे ही आदिवासीओ को पता चला कि शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री भेट मुलाकात कार्यक्रम के तहत पखांजूर में पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याओं से रूबरू होंगे, तो काफी उत्साहित थे।और शनिवार सुबह से ही अपनी समस्याओं को लेकर सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात कर अपनी समस्याओं का निराकरण करवाने को लेकर उत्साहित थे।परंतु आदिवासीओ का आरोप है कि प्रशासन के लोगो ने बेरिकेट लगाकर उन आदिवासियों को कार्यक्रम में जाने नहीं दिया।
ऐसे में उन आदिवासी काफी आक्रोश हुए। आदिवासी प्रमुख गज्जू नेताम, अजित नरेटी, गणेश नायक, रामशु कचलामी, मंगेश वेडदा, सुरेश मत्तामी, शमिला ध्रुवा समेत सैकड़ों आदिवासियों ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर सीएम से मिलना चाहते थे। बावजूद बेरिकेट लगाकर सीएम के कार्यक्रम में जाने से रोकना कहीं ना कहीं कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओछी मानसिकता को प्रदर्शित करता है, और आदिवासी हितैषी होने का दावा करना कांग्रेस का कहीं ना कहीं खोखला साबित हो रहा है। ऐसे में निश्चित तौर पर आदिवासियों में कांग्रेस सरकार के लिए नाराजगी साफ तौर पर देखने को मिली।