आकाश दत्त मिश्रा

मुंगेली नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों पर संगठन द्वारा कार्यवाही किए जाने के बाद अब निष्कासित पार्षदों ने बागी रूप अख्तियार कर लिया है। इन्हीं में से एक मोहित बंजारा ने मुंगेली के बड़े भाजपा नेताओं पर ही आरोपों का ठीकरा फोड़ा है। कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने और भाजपा के पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के खिलाफ बगावत करने के आरोप में पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किए गए मोहित बंजारा ने विक्टिम कार्ड खेलते हुए कहा कि उनके खिलाफ जातिगत दुर्भावना के तहत कार्यवाही की गई है। उन्होंने कहा कि 6 भाजपा पार्षदों ने पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी गायत्री देवांगन को वोट नहीं किया था, लेकिन पार्टी द्वारा केवल 5 पार्षदों के खिलाफ ही कार्रवाई की गई है। एक पार्षद को आरोप मुक्त किए जाने पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के बड़े नेता यहां तमाम आर्थिक अपराधों और भ्रष्टाचार में संलग्न है। उन्होंने जमीन घोटाला और अवैध उगाही जैसे आरोप लगाए है। अध्यक्ष पद प्रत्याशी गायत्री देवांगन के खिलाफ भी उगाही का आरोप लगाते हुए मोहित बंजारा ने कहा कि उनके द्वारा सभी पार्षदों से रकम मांगी जा रही है।
असल में भीतर खाने से यह खबर है कि चुनाव के दौरान एक तरफ जहां कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा हॉर्स ट्रेडिंग की गई थी तो वही भाजपा प्रत्याशी ने भी पार्षदों को पांच -पांच लाख रुपये अपने पक्ष में वोट डालने के लिए दिए थे, लेकिन क्रॉस वोटिंग के बाद मुंगेली के ही एक होटल में हुई बैठक में सभी पार्षदों से दिए गए ₹500000 वापस मांगे गए। बताया जा रहा है कि इनमें से अधिकांश पार्षदों ने वह रकम लौटा भी दिए, संभवत कुछ लोगो ने वह रकम नहीं लौटाई थी , जिसे लेकर विवाद रहा है। अब निष्कासन की गाज गिरने के बाद बगावती तेवर अपनाते हुए भाजपा के ही पार्षद मोहित बंजारा ने अपने ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने विधायक पुन्नूलाल मोहले, जिला अध्यक्ष शैलेश पाठक से लेकर चोवादास के नाम आरोपों में घसीटे हैं, जिससे मुंगेली भाजपा में एक बार फिर से हल चल उत्पन्न हो गई है । सम्भवतः इसी वजह से भाजपा संगठन ने अपने पार्षदों के खिलाफ कार्यवाही करने में इतना वक्त लिया। पार्टी के आला अधिकारियों को शुरू से ही उन पार्षदों के नाम पता थे, जिन्होंने पार्टी के साथ दगा करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया था, लेकिन मुंगेली में भाजपा के कमजोर होने और अंतर्कलह से बचाव के लिए ही संगठन अब तक कार्यवाही से बच रहा था, लेकिन अब आगामी चुनाव की तैयारी को देखते हुए ऐसे पार्टी नेताओं को सबक सिखाना जरूरी हो गया था जिनकी निष्ठा पार्टी के प्रति नहीं है। लेकिन अब निष्कासित भाजपा नेताओं ने पार्टी के लिए मुसीबत खड़ा करना शुरू कर दिया है ।आरोप-प्रत्यारोप का यह दौर अभी तो शुरू भर हुआ है। जाहिर है यह दौर लंबा चलेगा, जिससे मुंगेली में कमजोर होती भाजपा की किरकिरी तय है। फिलहाल मोहित बंजारा ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके पक्ष में उनके पास क्या प्रमाण है यह तो फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है। जाहिर है अब जवाबी कार्यवाही में बड़े नेता भी अपना दांव चलेंगे, जिसे देखना दिलचस्प हो सकता है।

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