पत्रकार आकाश दत्त मिश्रा ने मुंगेली बाल गृह के बच्चों के साथ मनाया अपना जन्मदिन, उपहार पाकर बच्चों के खिले चेहरे , सभी से किया आवाहन कि वे भी इन बच्चों के बीच पहुंचकर खुशी के पलों को करे सांझा

आलोक मित्तल

कहते हैं खुशियां बांटने से बढ़ती है, खासकर उनके साथ जिनके जीवन में खुशियां भी बड़ी मुश्किलों से ही आती है। ऐसे ही एक ठिकाने मुंगेली के रामगढ़ में स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित बालक गृह में करीब 12 बच्चे रहते हैं। अपनों का सहारा ना होने पर यही बालक गृह इनका आशियाना बना है। इनके जीवन में उत्सव की कमी इस कदर है कि इन सभी का सामूहिक जन्म दिवस भी 14 नवंबर को एक साथ मनाया जाता है, इसलिए महिला एवं बाल विकास विभाग का प्रयास है कि आम और खास अपने जीवन के सुखद पलों को इन बच्चों के साथ साझा करें। जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ या अन्य शुभ अवसरों को इन बच्चों के साथ मनाने की परंपरा आरंभ करने के इस प्रयास में सार्थक पहल करते हुए गुरुवार को मुंगेली के पत्रकार आकाश दत्त मिश्रा ने इन्हीं बच्चों के साथ अपना जन्मदिन मनाया।


बाल गृह के बच्चों ने भी गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया। बच्चों ने बातचीत के दौरान अतिथियों के साथ कई दिलचस्प बातें साझा की। बर्थडे बॉय आकाश दत्त मिश्रा ने महिला एवं बाल विकास विभाग की विभा मसीह एवं पार्षद रोहित शुक्ला के साथ मिलकर बच्चों की मौजूदगी में केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया।
पूरे उल्लास के साथ बच्चों ने हैप्पी बर्थडे सॉन्ग गाया।जिसके पश्चात आकाश मिश्रा द्वारा केक और स्नैक्स बच्चों को प्रदान किए गए। इसी बालक गृह में रहने वाले आत्मानंद स्कूल के छात्र को स्कूल और प्लेग्राउंड आने जाने में दिक्कत हो रही थी। उसका ख्वाब था कि उसे एक साइकिल मिल जाए। उसके इसी सपने को साकार करते हुए आकाश दत्त मिश्रा ने उन्हें एक चमचमाती नई रेंजर साइकिल प्रदान की। यह उपहार पाकर उस छात्र के आंखों में आयी चमक देखने योग्य थी।

इस अवसर पर आकाश दत्त मिश्रा ने कहा कि अपनों के बीच खास पलों को तो सभी मनाते हैं लेकिन अगर हम अपने जन्मदिन वर्षगांठ आदि अवसर पर इन बच्चों के बीच पहुंचकर अपनी खुशियां साझा करें तो इससे अच्छी बात कोई दूसरी हो नहीं सकती। मानवता के पैमाने पर भी देश के हर नागरिक से ऐसी अपेक्षा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा कर जिस सुखद अनुभूति का एहसास हुआ है उसकी अभिव्यक्ति संभव नहीं। उन्होंने नगर वासियों से आह्वान किया कि वे भी इन बच्चों के बीच पहुंचकर मानवता का परिचय दें क्योंकि इन्हें दी गई एक- एक खुशी हजार गुना बनकर आपके जीवन में जरूर लौटेगी।

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