पखांजूर से बिप्लब कुण्डू–

पखांजूर–
कांकेर जिले के विकासखंड कोयलीबेड़ा के ग्राम पंचायत देवपुर में एक सड़क में मुरमीकारण में भ्रष्टाचार पुलिया निमार्ण में भी भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इस बार भी सरपंच पति सचिब के साठ गांठ मेें ग्राम पी.व्ही.नं.3 से पचांगी मार्ग में दो मीटर कांक्रीट पुलिया निमार्ण में पूरे पुल का निमार्ण पहाड़ी पत्थर से करा दिया गया,भ्रष्टाचार देख जब गांव के मजदूरों ने इसका विरोध किया तो सरपंच पति ने उन्हें काम से निकाल दिया।
भ्रष्टाचार के मामले में ग्राम पंचायत देवपुर फिर एक बाद सुखिर्यों में है। पहले मुरमीकरण के नाम पर 10.72 लाख की राशि का बंदरबांट किया गया तो इस बार 6 लाख की लागत से बन रहे पुल निमार्ण में भारी भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आया है। इस पुल का निमार्ण पंचायत द्वारा कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत के ग्राम पी.व्ही.3 से पचांगी मार्ग में बन रहे पुल जिसका निमार्ण कांक्रीट से होना था उसे पहाड़ी के पत्थर से करा दिया गया। और कांक्रीट से पूरे पत्थर को कवर कर दिया गया। पहली नजर में कोई इस पुल को पकड़ ही नहीं पाऐगा की पूरे पुल में कांक्रीट के अंदर बड़े बड़े पहाड़ी पत्थर डाला गया है।


यह पूरा कारनामा सरपंच पति प्रशांत विश्वास और उपयंत्री किरण देवांगन की देख रेख में हुआ है। इस पुल निमार्ण में इतना भ्रष्टाचार हुआ की पुल का निमार्ण कर रहे मजदूरों के आखों में आंसू आ गऐ और उन्होनें ही इसका विरोध शुरू कर दिया। पर जिस एवज में शासन से हर माह लाखों का वेतन ले रहे उपयंत्री का दिल नहीं पसीझा और यह भ्रष्टाचार होता रहा। इस दौरान इसका विरोध करने वाले मजदूरों को काम से निकाल दिया गया। विरोध करने वाले मजदूर विश्वजीत कर ने बताया की आस पास के पहाड़ से पूरे पत्थर सरपंच पति ने उठवाऐ और पूरे पुल में डाल कंक्रीट करवाया गया।


इस दौरान वे इसका विरोध कर कांक्रीट से पुल बनाने को कहा तो उसे अगले दिन से काम में नहीं आने की बात कह काम से भगा दिया। पुल की गुणवत्ता देख रहे उपयंत्री भी इस पत्थर को डालते देख रहे थे पर कभी उन्होनें भी मना नहीं किया। इस संबध में जब पंचायत सचिव अचिंत मुखर्जी ने भी पुल के संबध में कोई जानकारी देने और इस संबध में कुछ कहने से मना कर दिया।मामले में किरण कुमार देवांगन ने बताया कि पुलिया के निर्माण में जंगली बोल्डरों का उपयोग किया गया है निर्माण एजेंसी ग्रामपंचायत देवपुर को इसे तोड़ कर निर्माण करने की बात कही गई थी मगर उन्होंने निर्माण कार्य पूर्ण कर दिया है अभी इस पुलिया को तोड़ कर फिर से निर्माण किया जाएगा।

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