रतन लाल डांगी, पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर द्वारा रेंज अंतर्गत पुलिस अधीक्षकों एवं राजपत्रित पुलिस अधिकारियों की वर्चुअल अपराध समीक्षा बैठक ली गई। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्रीमती पारूल माथुर, पुलिस अधीक्षक कोरबा श्री भोजराम पटेल, पुलिस अधीक्षक मुंगेली श्री चंद्रमोहन सिंह, पुलिस अधीक्षक गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही श्री त्रिलोक बंसल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(ग्रामीण) श्री रोहित झा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(शहर) श्री उमेश कश्यप, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा श्री अनिल सोनी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री लखन पटले, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गौ.पे.म. श्रीमती अर्चना झा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(आईयूसीएडब्ल्यू) श्रीमती गरिमा द्विवेदी, नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली श्रीमती स्नेहिल साहू तथा रेंज अंतर्गत जिलों से पुलिस अनुविभागीय अधिकारीगण, नगर पुलिस अधीक्षकगण, उप पुलिस अधीक्षकगण और रेंज कार्यालय में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती दीपमाला कश्यप व उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती सुशीला टेकाम और उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती माया असवाल उपस्थित रहीं। पुलिस महानिरीक्षक श्री रतन लाल डांगी द्वारा जिलों की अपराध एवं कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए विभिन्न बिन्दुओं पर कार्यवाही संबंधी निर्देश दिये गये। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा इस बात पर विशेष बल दिया गया कि गंभीर किस्म के प्रकरणों में सतत विवेचना करते हुए यथाशीघ्र विधिसम्मत निराकरण किया जावे, प्रकरण लंबी अवधि तक विवेचना में लंबित न रहे।
महिला संबंधी मामलों में तत्काल संज्ञान लेकर विधिसम्मत कार्यवाही किये जाने निर्देष दिये गये साथ ही इस बात पर विशेष बल दिया गया कि जिलों मे महिलाओं, बच्चों से संबंधित प्रकरणों में त्वरित कार्यवाही करते हुए समय-सीमा के भीतर त्वरित निराकरण किया जावे। अनु.जाति/अनु.ज.जाति के प्रकरणों तथा पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना अंतर्गत प्रकरणों में पीड़ितों को राहत के प्रकरणों का विशेष रूचि लेकर निराकरण कराया जावे। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा इस बात पर विशेष बल दिया गया कि अनियमित वित्तीय कंपनियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों में अंतरिम कुर्की, अंतिम कुर्की, नीलामी तथा निवेशकों की धन वापसी की प्रतिदिन समीक्षा की जावे। अनियमित वित्तीय कंपनियों की राज्य एवं राज्य से बाहर स्थित अचल संपत्तियों के चिन्हांकन एवं उनकी कुर्की की कार्यवाही शीघ्र करावें तथा प्रकरणों के फरार आरोपियों की पता तलाश हेतु विशेष टीम गठित कर उनकी गिरफ्तारी कराई जावे।
अनियमित वित्तीय कंपनियों के मामलों में संपत्ति कुर्की कार्यवाही के लिये संबंधित जिला कलेक्टरों से नियमित पत्राचार एवं व्यक्तिगत प्रयास की आवश्यकता है। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा निर्देशित किया गया कि राजपत्रित अधिकारी अपने अधीनस्थ थाना/चौकी के कार्यो की लगातार मॉनिटरिंग एवं समीक्षा करते रहें। शिकायतों की जॉंच संबंधित ग्राम में जाकर की जावे। जांचकर्ता अधिकारी के षिकायत जांच हेतु ग्रामों में जाने से जॉंच अधिकारी जहां शिकायत में उल्लेखित आरोपों के वास्तविक हालात से अवगत हो सकेगा वहीं शिकायतकर्ता को भी अपना पक्ष रखने में सहजता होगी। ग्रामों में जाने से क्षेत्र में पुलिस की आमदरफ्त होने से आम जनता में पुलिस की सक्रियता दिखेगी। पुलिस महानिरीक्षक द्वारा इस बात पर बल दिया गया कि थाना/चौकी से संबंधित कई ऐसे प्रकरण जिनमें किसी अन्य विभाग से जानकारी मिलने में परेशानी हो रही हो अथवा जानकारी/दस्तावेज समय पर नहीं मिल पा रहे हों, तो ऐसे प्रकरणों को कलेक्टर द्वारा आयोजित समय-सीमा बैठक (टी.एल. मीटिंग) में आवश्यक रूप से साझा की जावे और समन्वय में कार्य करते हुए प्रकरणों का निराकरण सुनिश्चित किया जावे।