नगरीय निकाय चुनाव में वार्डों के आरक्षण के बाद अब सबको प्रतीक्षा है , चुनाव के तारीखों के ऐलान की। 7 जनवरी को महापौर के दिए आरक्षण सुनिश्चित होने के पश्चात आदर्श आचार संहिता लागू होने की उम्मीद की जा रही है, साथ ही नगरीय निकाय चुनाव के तारीखों का एलान भी संभव है। इससे पहले वार्डों के आरक्षण से तस्वीर साफ होने के बाद नए-नए दावेदार सामने आ रहे हैं। परिसीमन के बाद वार्डो की सूरत और क्षेत्रफल काफी कुछ बदल गया है । यही कारण है कि अब लगभग सभी वार्डों में नए दावेदारों की नई फौज खड़ी हो गई है। कई पुराने दिग्गजों का समीकरण गड़बड़ा गया है। या तो वे इस बार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे या फिर उन्हें वार्ड बदलना पड़ेगा। इसका फायदा नए दावेदारों को मिलेगा। इसीलिए सभी दावेदार लॉबिंग में जुट चुके हैं। उनके द्वारा पता लगाया जा रहा है कि इस बार टिकट के बंटवारे में किसकी चलेगी।
अरपा पार वार्ड क्रमांक 61 पंडित देवकीनंदन दीक्षित नगर में परिसीमन के बाद चटर्जी गली, कालीबाड़ी , पुराना पुल के आसपास का इलाका, मुक्तिधाम के सामने वाला इलाका और सुभाष चौक के पास का इलाका शामिल है। इस बार यह वार्ड अनारक्षित है । वर्तमान में यहां की पार्षद भाजपा की सीमा राजेश दुसेजा है लेकिन पिछले पूरे 15 सालों तक पार्षद पति ही पार्षदी करते रहे। यह वार्ड सामान्य होने पर इस बार भी राजेश दुसेजा दावेदारी कर तो रहे हैं लेकिन बताया जा रहा है कि इस बार उनका स्वास्थ्य साथ नहीं दे रहा। वैसे यह वार्ड भाजपा का गढ़ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां से जिस भी भाजपा प्रत्याशी को टिकट मिलेगा उसकी जीत सुनिश्चित है। वार्ड में सिंधी वोट का बाहुल्य होने के चलते ही यहां सिंधी प्रत्याशियों पर जोर रहता है, इसलिए दुसेजा के विकल्प के तौर पर भारत जूरयानी भी दावेदारी कर रहे हैं , लेकिन इस बार पूरे वार्ड में एक नए चेहरे को लेकर चर्चा गर्म है। साथ ही परिसीमन ने वोटो का संतुलन भी बना दिया है। सिंधी वोटर के अलावा अब यहां बंगाली और मराठी वोट भी निर्णायक है।
पिछले कुछ सालों में तेजी से पूरे शहर में उभरी बिंदु सिंह कछवाहा भी वार्ड क्रमांक 61 से भाजपा से पार्षद का टिकट मांग रही है। लगातार सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहने वाली बिंदु सिंह कछवाहा की दावेदारी कई वजहों से प्रबल है। एक तो उनका पारिवारिक पृष्ठभूमि उन्हें मजबूती देता है। क्षेत्र में कछवाहा परिवार की प्रतिष्ठा है, जिनकी बहू होने के नाते बिंदु सिंह जनप्रिय भी है और चर्चित भी। साथ ही उनमें जन्मजात लीडरशिप नजर आती है।
संयुक्त परिवार की महिला और दो बच्चों की मां होने के बाद भी जिस तरह से उन्होंने सामाजिक, व्यवसायिक और राजनीतिक क्षेत्र में अपनी सक्रियता और भागीदारी दर्शायी है, उससे इस बार पार्षद का टिकट अगर बिंदु सिंह कछवाह को मिल जाए तो हैरानी नहीं होगी।
महत्वाकांक्षी बिंदु भारतीय जनता पार्टी संगठन से लेकर निगम और मंडल में भी अपनी दावेदारी करती रही है। बातचीत के दौरान बिंदु सिंह कछवाह ने बताया कि वह लगातार योग, समाज सेवा, महिला सशक्तिकरण, हिंदुत्व , बाल सेवा को अपना खासा समय देती है , जबकि होटल व्यवसाय और क्रिकेट अकादमी को भी उन्हें समय देना पड़ता है। महिला जागृति समूह के साथ पिछले तीन वर्षों से महिला सशक्तिकरण और बाल शिक्षा पर काम करने वाली बिंदु पिछले 10 साल से राष्ट्रीय स्तर की संस्था सपना महिला समिति के साथ भी जुड़ी हुई है।
चाहे वह व्यापारी संघ के साथ जुड़ाव का मामला हो या फिर योग की कक्षाओं में सक्रियता, चाहे फिर बिलासपुर पुलिस के साथ निजात अभियान में सहभागिता या फिर चेतना में लगातार काम करना, बिंदु ने हर क्षेत्र में खुद को बीस साबित करते हुए स्वयं को एक मजबूत दावेदार के तौर पर पेश किया है।
बिंदु ने बताया कि वह अपने आरएसके क्रिकेट अकेडमी में महिला क्रिकेटर को निशुल्क प्रशिक्षण देती है। साथ ही अपोलो के साथ मिलकर कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। 2007 से भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्य होने और सामाजिक एवं अन्य क्षेत्र में लगातार सक्रियता की वजह से बिंदु सिंह कछवाह एक प्रबल दावेदार साबित हो सकती है। बिंदु ने बताया कि सिटी क्लब की प्रेसिडेंट के पद पर होते हुए उन्होंने अपने टीम के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा के लिए जमकर प्रचार किया था। उनका कहना है कि जो महिला अपने बच्चे, परिवार और व्यवसाय के बीच संतुलन कायम करते हुए बेहतर ढंग से उन्हें संभाल सकती है, अगर उसके हाथों में वार्ड की जिम्मेदारी आएगी तो निश्चित तौर पर वार्ड की दशा और दिशा भी बदल सकती है।
पिछली बार भी यहां मतदाताओं ने एक महिला प्रत्याशी को चुना था, इसलिए संभव है कि पार्टी इस बार नए चेहरे के तौर पर एक दूसरी महिला को अवसर दे। वार्ड के रुझान पर चर्चा करते हुए बिंदु सिंह ने बताया कि वार्ड में जातिगत वोट बैंक की बजाय इसे भाजपा समर्थित वार्ड कहना ज्यादा उचित होगा । इस वार्ड में भाजपा हमेशा जीतती रही है ,इसलिए बिंदु को लगता है कि अगर भारतीय जनता पार्टी उन पर भरोसा जताती है तो इस बार शहर सरकार में उनकी भी भागीदारी बन सकती है।
पार्षद के लिए दावेदारी कर रही बिंदु सिंह कुशवाहा ने इसके लिए लॉबिंग शुरू कर दी है, साथ ही उनकी सक्रियता इन दिनों बढ़ी नजर आ रही है , हालांकि भविष्य के गर्भ में क्या है, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी , लेकिन इतना तो तय है कि अगर बिंदु सिंह कछवाह को वार्ड क्रमांक 61 से भाजपा पार्षद का टिकट देती है तो इस वार्ड से उनकी जीत सुनिश्चित नजर आ रही है।