पखांजुर से बिप्लब कुण्डू–

पखांजुर।
खैरागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जितते ही 24 घंटे में जिला का दर्जा दी गई, सच्चाई तो यह है की उम्मीदवार के विजय होते ही एक विधानसभा खैरागढ़ को तीन घंटे में जिला घोषित कर दिया गया,जब की लम्बे समय से चली आ रही अंतागढ़ विधानसभा का एतिहासिक भूमि छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद राजा गेंदसिंह जी के जन्म और कर्म स्थल परलकोट/पंखाजूर को जिला के दर्जा अभी तक क्यों नहीं…..?
यदि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरकार शहीदों के प्रति संवेदनशील है तो परलकोट/पंखाजूर को भी शहीद गेंदसिंह के संम्मान में जिला घोषित कर देना चाहिए,चुकी सरकार का मांप-डण्ड के अनुसार,कांकेर से परलकोट की अंतिम छोड़ तक दूरी 200 कि.मी.के आस पास है तथा इसके अलावा पंखाजूर में पुलिस उपअधिक्षक(एडिशनल एसपी) का पद स्थापना,सत्र न्यायालय,किसानों का मंडी, छात्र-छात्राओं के लिए (आई टी आई) कालेज,अनुविभागीय राजस्व एवं पुलिस अनुविभागीय अधिकारी के साथ-साथ कांकेर जिला का जनसंख्या के अनुपात में 40% पंखाजूर में,तथा व्यापार, शिक्षा,कृषि,के क्षेत्र में भी परलकोट निणार्यक भुमिका निभा रही है,इस लिए भूपेश सरकार को चाहिए अति शीघ्र परलकोट/पंखाजूर को 34 वाँ जिला घोषित कर शहीद के संम्मान में कमी आने ना दें,और जनता को भी शासन की सुविधा उपलब्ध हो।
वैसा ही नही जो कि 200 किमी दूरी तय कर लोगो को जिला जाना पड़ता किसी भी काम के लिए,जिससे कि एक परिवार के लोगो को दो दिन के बाद घर लौटना पड़ता है जिला से काम निपटाकर आने में दो दिन बर्बाद होता है एक काम को करने में।इधर पखांजुर से 12 किमी के अंतराल पर महाराष्ट्र सीमा लग जाता है,सीमा से लगे आस पास के गांव के लोगो महाराष्ट्र जाते है कोई भी काम या जरूरत के समान के लिए।देखा जाय तो परोलकोट/पखांजुर चारो तरफ से जिला बनने के काबिल है और इसको जिला घोषित करने के लिए क्षेत्र के लोगो ने कोई सालो से आंदोलन कर रहे थे कांकेर जिले के एक मात्र ये परोलकोट क्षेत्र जो कि बेहद दूरी पर बसे है आम जनता के सुविधा हेतु पखांजुर जिला बनता है तो करीबन 350 गांव के लोगो के लिए सुविधा होगी पिछड़े पड़े इस क्षेत्र का विकास होगा।

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