आकाश दत्त मिश्रा
मुंगेली नगर पालिका के नए अध्यक्ष के रूप में संतु लाल सोनकर ने रविवार को शपथ ली लेकिन उनके ही कॉलेज में बरती गई लापरवाही के चक्कर में आज भी कई छात्र अस्पताल में भर्ती है। मुंगेली रोड स्थित सोनकर कॉलेज में खेल समारोह के दौरान मधुमक्खियों के झुंड ने छात्रों पर हमला कर दिया था, जिसमें दर्जनभर छात्र बुरी तरह घायल हो गए थे। मुंगेली रोड स्थित सोनकर कॉलेज में शुक्रवार को खेल समारोह चल रहा था शाम के वक्त लाउडस्पीकर की तेज आवाज से परिसर में मौजूद मधुमक्खी भड़क गए और उन्होंने अचानक हजारों लाखों की संख्या में छात्रों पर हमला बोल दिया ।अचानक हुए हमले से यहां दर्जन भर छात्र बुरी तरह घायल हुए , इनमें से कई तो इलाज के लिए मुंगेली में ही भर्ती कराए गए तो वही दो छात्रों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बिलासपुर के सिम्स भेज दिया गया था ।
घटना के 3 दिन बाद भी छात्रों की स्थिति में खास सुधार नहीं है। अभी भी 2 छात्रों का इलाज मुंगेली के महिमा अस्पताल में जारी है। दरअसल सोनकर कॉलेज की इमारत में जगह-जगह मधुमक्खियों ने छत्ता बना लिया है लेकिन कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही देखिए ,उन्होंने इन छत्तों को हटाने की कभी कोई कोशिश नहीं की। यही कारण है कि यहां मधुमक्खियों द्वारा अक्सर छात्र-छात्राओं को काटने की घटना घटती ही रहती है ।शुक्रवार को खेल समारोह के दौरान अचानक मधुमक्खियों ने बड़ी संख्या में हमला कर दिया। यानि सोनकर कॉलेज के छात्र छात्रा बारूद के ढेर पर बैठे हैं । यहां कब मधुमक्खी मौत बनकर उन पर टूट पड़े ,कहना मुश्किल है , लेकिन इतनी बड़ी घटना के बाद भी सोनकर कॉलेज प्रबंधन द्वारा मामले में लीपापोती की गई। यहां तक कि मीडिया को भी मैनेज करने का प्रयास किया गया। यही कारण है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी मुख्यधारा के समाचार पत्रों और टीवी चैनलों से भी यह खबर गायब रही लेकिन अधिक वक्त तक कॉलेज प्रबंधन अपनी लापरवाही को छुपाने में कामयाब नहीं हो सका।
इस खबर के उजागर होते ही कॉलेज प्रबंधन पर सवालिया निशान उठने लगे हैं। बढ़ते दबाव को देखकर हालांकि कॉलेज द्वारा घायल छात्रों के इलाज का खर्चा वहन किया जा रहा है लेकिन अभिभावक अब भी घटना से आक्रोशित है । घायल छात्र-छात्राओं के चेहरे सुजे हुए हैं।मधुमक्खियों के जहर का प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ है। यह तो किस्मत अच्छी थी कि मधुमक्खियों के इस बड़े हमले के बाद भी किसी छात्र छात्रा की जान नहीं गई ,नहीं तो अक्सर मधुमक्खियों के ऐसे बड़े हमले में मौत भी संभव होती है ।लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या इस घटना से भी सोनकर कॉलेज कोई सबक लेगा ? क्या भविष्य में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कॉलेज की इमारत में मधुमक्खी अपना छत्ता ना बनाएं। अब तक कॉलेज प्रबंधन का जो रवैया रहा है, उसे देखते हुए यह उम्मीद करना बेकार जान पड़ रहा है । अपने साथी छात्र छात्राओं पर हुए मधुमक्खी के इस हमले के विरोध में शनिवार को कॉलेज के सामने छात्र-छात्राओं ने धरना देने का भी प्रयास किया लेकिन प्रबंधन के दबाव में उन्हें यह धरना खत्म करना पड़ा। ऐसा लग रहा है कि सोनकर कॉलेज प्रबंधन अपना पाप छुपाने छात्र-छात्राओं पर अनैतिक रूप से दबाव बना रहा है, जिससे कि घटना पर लीपापोती संभव हो सके। लेकिन ऐसी कारगुजारिओं से प्रबंधन की कलाई ही खुल रही है।