जैसे संकेत मिल रहे हैं उनके मुताबिक महाराष्ट्र सरकार में शामिल एनसीपी व शिवसेना व शिवसेना के बीच एक नया झगड़ा शुरू होने के आसार दिख रहे हैं महाराष्ट्र सरकार में शामिल एनसीपी मुस्लिम वोट बैंक के मद्देजनर प्रदेश में मुसलमानों को आरक्षण देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। मुस्लिम आरक्षण का कार्ड खेलते हुए एनसीपी नेता व राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मालिक ने कहा कि महाविकास आघाडी सरकार जल्द राज्य में मुस्लिम आरक्षण बिल लाएगी। बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुस्लिमों को शिक्षा में 4 फीसदी आरक्षण कायम रखा था लेकिन बीजेपी सरकार के इस पर कदम न उठाने से वो लैप्स हो गया था ।
अब शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की सरकार मुस्लिमों को आरक्षण देने पर कानूनी राय लेकर जल्द फैसला लेने वाली है।नवाब मलिक के मुताबिक मुस्लिमों को आरक्षण देने की बात कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में है और शिवसेना भी इस मुद्दे पर हमारे साथ है। और जो धर्म के आधार पर आरक्षण देने की बात कहकर इसका विरोध कर रहे है ये उनकी सोच है। उन्होंने अलग चश्मा पहन रखा है। वे इस मुद्दे को अलग नजरिये से देख रहे है। जबकि जहाँ तक कांग्रेस की बात है उसके पास मुस्लिम आरक्षण मुद्दे का समर्थन करने के सिवा कोई और चारा नही है। लेकिन पहले ही कांन्ग्रेस व एनसीपी के साथ सरकार बनाने से बेचैनी महसूस कर रहे शिवसेना के नेता और कार्यकर्ता इससे नाराज हो सकते हैं। उल्टे इसे लेकर वो पार्टी नेताओं व मुख्यमंन्त्री उद्धव ठाकरे से नाराज हो सकते हैं। और इसी बात के दबाव में शिवसेना मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर कैसा रिएक्ट करती है? इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता।