पाखंजुर
बिप्लब कुण्डू
पखांजूर क्षेत्रों के गांव को आह्वान दे कर बंगला भाषा में प्राथमिक स्तर से स्कूल में शिक्षा दिये जाने के विषय पर श्यामाप्रशाद मुखर्जी स्टेडियम पखांजूर में विशेष बैठक का आयोजन बुद्धिजीवी द्वारा किया गया है । वैठक का अध्यक्षता गोकुल मण्डल ने किया है ।वैठक में सम्भोदित करते हुए गोकुल मण्डल, मनमोहन मल्लिक,अलोक विश्वास, ब्रजलाल साना अजीत मिस्त्री , प्रदीप मण्डल, ऋषिकेश मजूमदार आदि ने कहाँ है कि।छत्तीसगढ़ प्रदेश में प्राथमिक शाला में बांगला भाषा में शिक्षा नहीं रहने से बांगला भाषा – साहित्य , बांगला संस्कृति ,देश प्रेम,क्रांतिकारी एतिहासिक योगदान , समाज सुधार ,मानवता के उच्च शिखर से मानवीय मुल्यबोध से अंजान है । बांगला भाषा – भाषी व्यक्ति के विकास में खतरनाक बाधा उत्पन्न हो रहा हैं।मातृभाषा में शिक्षा नहीं मिलने के कारण ही बंगाला भाषी बच्चों का बंगला भाषा लिपि भी लुप्त होने का खतरा मंडरा रहा हैं।जो बंगला भाषा – भाषीओं का दर्दनाक मौत है। क्षेत्रों से बांगला भाषा विलुप्त हो रहा हैं।
मातृभाष ही सभ्य समाज कि विकास कर उन्नत मुकाम हासिल काया है ।भाषा ही बच्चों मे समझदारी का बिज वोया करता हैं ।उस बच्चों का वौद्धिक विकास का नीवं कमजोर हो रहा हैं। बंगला भाषा- भाषी बच्चों का मानसिक विकास में वाधा उत्पन्न होत रहा हैं। इस बात को वैज्ञानिक तथ्य से सही साबित कर प्रमाणित किया है । प्राथमिक स्तर का शिक्षा मातृभाषा में दिया जायने को अनिवार्य है । परंतु परलकोर्ट में डि .एन.के प्रोजेक्ट के समय सम्पूर्ण बंगला माध्यम रहा । और आज बंगला भाषा के प्रति शासन प्रशासन अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे है। दसको से बांगला भाषा शिक्षकों का नियुक्ति नहीं किया है। जिस कारण क्षेत्र से बांगला भाषा एवं बांगला लिपि पीछड़ कर समाप्ति के कागर पर खड़ी है।बांगलाभाष एवं बांगला भाषा शिक्षा प्राथमिक स्तर में नहीं है ।शासश- प्रशासन बांलाभाषा शिक्षक, पाठ्यक्रम, पाठ्य पुस्तक ,प्रश्न पत्र ,एवं परीक्ष परिणाम को अंका सुचि में नहीं जोड़ा इत्यादि कारण से बांगला भाषा का अनंत नुकसान हुआ है। बांगला भाषा का बंगला लिपि अस्तित्व खो रहा हैं। भाषा संग्राम देश एवं समाज को मातृभाषा बचाने का आईना दिखा रहा है। मातृभाषा बांगला में शिक्षा के मद्देनजर बांगला मातृभाषा शिक्षा प्राथमिक शाला से प्राप्ती के साथ बांगला शिक्षा ,संस्कृति का अस्तित्व बचाने के लिए एक समिति का निर्माण किया गया हैं । सर्वसम्मति से समिति का नाम मातृभाषा बांगला एवं शिक्षा संग्राम समिति नाम रखा गया हैं ।
मातृभाषा बांगला एवं शिक्षा संग्राम समिति का जिम्मेदारी निम्नलिखित बुद्धिजीवी को सौपा गया हैं।सर्वसम्मति से बैठक में कमेटी सदस्य की नियुक्त कर लिया गया हैं एवं धिरे – धिरे कमेटी का विस्तार किया जाना है।
अध्यक्ष – अजीत मिस्त्री ,पी .भी 82
युग्म सचिव –
मनमोहन मल्लिक,पी .व्ही-कापसी
चंचल हालदार ,पी .व्ही – 64
कोषाध्यक्ष –
ऋषिकेश मजूमदार , पी. व्ही – पखांजूर
आफिस सचिव –
अलोक विश्वास ,पी. व्ही – 130
वैठक में ,जोतिन,महेश,जगबंघु,नीलकांत, अजित,अशिम,अमर,खगेन्द्र,प्रदीप,विश्वनाथ,
अमूल्य,ऋषिकेश आदि उपस्थित रहे।