
प्रवीर भट्टाचार्य


बाबा बैजनाथ धाम देवघर में कैसा दृश्य रहता होगा, उसे आज बिलासपुर में भी अनुभव किया गया। सर्व हिंदू समाज द्वारा बिलासपुर में पहली बार कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया। इसमें ऐसे बहुत से कावड़िए सम्मिलित हुए, जो हाल ही में देवघर में बाबा बैजनाथ का जलाभिषेक कर लौटे हैं, तो वहीं ऐसे भी सैकड़ो शिव भक्त थे, जिन्हें यह सौभाग्य अब तक नहीं मिला है। तो उन्होंने सावन मास के सातवें सोमवार पर नागपंचमी के दुर्लभ योग तिथि पर, बिलासपुर में आयोजित, विशाल कावड़ यात्रा का अंग बन कर यह सौभाग्य प्राप्त किया। सुबह तोरवा छठ घाट से कांवर में अरपा नदी का पवित्र जल लेकर इस यात्रा का शुभारंभ हुआ। भगवा गणवेश में कांधे पर कांवर लिये स्त्री-पुरुष, बोल बम का उद्घोष करते हुए जोरापारा स्थित नंदेश्वर महादेव मंदिर की ओर निकल पड़े।

रास्ते भर जगह-जगह कांवरियों का अभूतपूर्व स्वागत किया गया। कांवरियों पर पुष्प वर्षा की गई । उनके मार्ग को निष्कंटक करने रास्ते में जल का छिड़काव किया गया। जगह-जगह उनके लिए पेयजल और फल आदि की व्यवस्था की गई। गुरुनानक चौक से आगे बढ़ते हुए गोल बाजार, सदर बाजार, पुराना सरकंडा पुल से कांवड़ यात्रा सरकंडा जोरापारा स्थित श्री नंदेश्वर महादेव मंदिर पहुंची, जहां कांवरियों ने कतार में लगकर भोले भंडारी का जलाभिषेक किया। सोमवार को यहां का दृश्य किसी ज्योतिर्लिंग की भांति ही रहा। भारी भीड़ के बीच शिव भक्तों ने शिवलिंग पर कांवड़ में लेकर आए जल को अर्पित किया।

बिलासपुर में आयोजित कावड़ यात्रा में मातृशक्ति की भी अभूतपूर्व भागीदारी दिखी। बड़ी संख्या में महिलाएं और युवतियां भी इसमें सम्मिलित हुई। सनातन को मजबूत करने के संकल्प के साथ नंगे पांव महिलाओं ने भी छठ घाट से लेकर नंदेश्वर महादेव मंदिर की दूरी तय की। उनके लिए यह अलौकिक अनुभव रहा ।
इस अवसर पर नंदेश्वर महादेव मंदिर के बाहर खिचड़ी प्रसाद और खीर का वितरण किया गया

आयोजकों के अनुमान से अधिक इस कावड़ यात्रा को सफलता मिली है, जिससे आयोजक आनंदित हैं। बड़ी संख्या में कांवरिये इस कांवड़ यात्रा में सम्मिलित हुए तो वहीं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों ने इस कांवड़ यात्रा में अपना सहयोग दिया। जगह जगह मंच बनाकर कांवरियों का स्वागत किया गया, जिससे आयोजक उत्साहित है और उन्होंने आशा व्यक्त की है कि आगामी वर्षों में यह आयोजन और विशाल एवं भव्य होगा।
