चिंगराजपारा भारत चौक में रहने वाली 21 वर्षीय युवती किरण वर्मा 9 मार्च से सिम्स के सर्जिकल वार्ड में भर्ती है। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां वो दर्द से तड़प रही है मगर चिकित्सक उनका इलाज नहीं कर रहे हैं। उनकी शिकायत पर S भारत न्यूज़ में खबर प्रकाशित होते ही एक साथ मदद को कई हाथ उठे है। स्वास्थ्य मंत्री के करीबी आशीष मोनू अवस्थी से लेकर शहजादी कुरैशी और नारी शक्ति टीम ने किरण वर्मा के इलाज के लिए आवाज उठाई, तो वही एस भारत न्यूज़ के प्रतिनिधि मोहम्मद नासिर ने सिम्स पहुंचकर मामले की पूरी पड़ताल की।
पता चला कि किसी दुकान में नौकरी करने वाली किरण वर्मा पिछले काफी दिनों से तेज पेट दर्द से पीड़ित थी। सिम्स पहुंचने पर उनका इलाज डॉक्टर रघुराज सिंह कर रहे थे, जिन्होंने पाया कि किरण के पेट में जटिल समस्या थी। उनके पेट में टी बी भी हो गया था। इस कारण से पेट के रास्ते से उनका मलद्वार बनाया गया, जहां संक्रमण फैलने का खतरा अब भी बरकरार है। तो वही इस कृत्रिम मलद्वार के आसपास बड़ा घाव हो गया है, जिस कारण से किरण वर्मा की हालत नाजुक बनी हुई है। इधर पता चला कि किरण वर्मा के शरीर में रक्त की भी कमी है। जब तक प्राकृतिक रूप से रक्त की कमी दूर नहीं हो जाती आगे का इलाज संभव नहीं है। वर्तमान में किरण वर्मा का इलाज कर रहे डॉक्टर बृजेश पटेल ने बताया कि किरण वर्मा की हालत बेहद चिंताजनक थी। वर्तमान में उसे आंशिक राहत तो है लेकिन अभी भी वह खतरे से बाहर नहीं है। अगर किरण की हालत में सुधार होता है तो पांच 6 महीने बाद उसका ऑपरेशन कर स्थिति सामान्य की जा सकती है। डॉक्टर भी मानते हैं कि इस दौरान मरीज किरण वर्मा को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वह घबराकर अपनी व्यथा बता रही है। वर्तमान में किरण के पेट के आसपास घाव बना हुआ है, जहां संक्रमण का डर है। वही किरण की कमजोरी भी चिकित्सकों के लिए चिंता का विषय है। किरण आर्थिक रूप से कमजोर है, इसलिए निजी अस्पतालों में इलाज कराना उसके लिए संभव नहीं है। फिर भी सिम्स के सर्जन डॉक्टर बृजेश पटेल आश्वस्त कर रहे हैं कि सिम्स में उसका इलाज संभव है लेकिन वे यह भी जोड़ते हैं कि किरण वर्मा की हालत अब भी चिंताजनक बनी हुई है। इधर नारी शक्ति की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर किरण वर्मा को ढांढस बताया और हर मुमकिन मदद करने का भरोसा दिलाया। कांग्रेस से जुड़े कुछ राजनीतिक क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने भी मामले में दखल दी है, जिससे उम्मीद की जा सकती है कि वर्तमान में सिम्स के सर्जिकल वार्ड में भर्ती किरण वर्मा को पहले से बेहतर चिकित्सा उपलब्ध होगी।
किरण वर्मा को भी लग रहा है कि उसका एक सामान्य सा ऑपरेशन ही तो होना है, जबकि चिकित्सक बता रहे हैं कि इस ऑपरेशन में 5 से 6 माह का वक्त लग सकता है। इस दौरान उसे इन्हीं जटिलताओं के साथ जीना होगा। इधर किरण वर्मा का कहना है कि सिम्स में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ उसकी समस्या को लेकर गंभीर नहीं है और उसके इलाज में लापरवाही बरती जा रही है। इस मामले की जानकारी आला स्तर पर भी दी गई है, जिसके बाद देखना होगा कि किरण वर्मा की शिकायत किस हद तक दूर हो पाती है।