रेलवे न्यू लोको कॉलोनी स्थित माँ मरी माई मंदिर के सामने मौजूद मां मरी माई शिव हनुमान घाट के संरक्षण के लिए किया जाएगा जल सत्याग्रह, रेलवे को दिया गया 10 दिनों का अल्टीमेटम

प्रवीर भट्टाचार्य

एक ओर हमारे सरोवरो को धरोहर कहकर उनके संरक्षण के दावे किए जाते हैं, दूसरी ओर आधी अधूरी इच्छा शक्ति के साथ किए गए निर्माण कार्यों की वजह से ऐसे सरोवर अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं। बिलासपुर के रेलवे क्षेत्र न्यू लोको कॉलोनी स्थित मां मरी माई शिव हनुमान घाट की भी दशा ऐसी ही है। आसपास के लोगों के निस्तारी के अलावा इस सरोवर का धार्मिक महत्व भी है। बताया जाता है कि यह सरोवर अति प्राचीन है। यह क्षेत्र रेलवे की जिम्मेदारी में है, इसलिए राज्य सरकार और जिला प्रशासन का अधिक हस्तक्षेप क्षेत्र में संभव नहीं।


समय-समय पर स्थानीय लोगों ने इस तालाब के जीर्णोद्धार की करते रहते हैं ।बड़े आंदोलन के पश्चात मां मरी माई शिव हनुमान घाट का जीर्णोद्धार रेलवे द्वारा आरंभ किया गया था। इस ब्रिटिश कालीन सरोवर के उन्नयन के लिए रेलवे की उलट इच्छाशक्ति का ही परिणाम था कि आधे अधूरे और अपर्याप्त निर्माण कर इस तालाब को उसके दुर्भाग्य के साथ छोड़ दिया गया। देखरेख और अधूरे निर्माण की वजह से यह पूरा सरोवर जीर्ण शीर्ण होने लगा है। यहां रोशनी के लिए विद्युत व्यवस्था ना होने से शाम के बाद यह तालाब नशेड़ीओं का अड्डा बन जाता है और यहां हर तरह के अपराध अंजाम दिया जाते हैं। इन्हीं तत्वों के अलावा अन्य लोगों द्वारा भी सरोवर को सभी स्तर पर मेला किया जा रहा है और उसमें गंदगी प्रवाहित की जा रही है। इसके पानी की सफाई के साथ जल संरक्षण के भी कोई स्थाई प्रयास ना होने से तालाब का अस्तित्व संकट में है, जिसे लेकर धर्म निष्ठा नंद मुनि कल्याण समिति ने रेलवे मंडल महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपते हुए 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है ।

अगर आगामी 10 दिनों के भीतर रेलवे द्वारा मां मरी माई शिव हनुमान घाट का सौन्दरीयकरण आरंभ नहीं किया गया तो समिति के सदस्य इसी सरोवर में जल सत्याग्रह आरंभ करेंगे। जब जब क्षेत्र के लोगों ने रेलवे के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस तालाब के उन्नयन की मांग की, तब- तब उन्हें मौखिक आश्वासन देकर टाल दिया गया। सनातन संस्कृति से जुड़े इस सरोवर की उपेक्षा से धर्म निष्ठ जन भी आहत है। जिसे देखते हुए सनातन परंपराओं की हितेषी धर्म निष्ठा नंद मुनि कल्याण समिति ने आंदोलन का बिगुल फुंक दिया है। इस महीने के अंत तक प्रतीक्षा की जाएगी और फिर मांग पूरी ना होने पर 28 फरवरी से आंदोलन का आगाज किया जाएगा।

इस अवसर पर समिति की ओर से सभी सनातनियो से निवेदन किया गया कि इस सरोवर के सौंदर्यीकरण और बचाव के लिए वे भी अपनी सक्रिय भागीदारी अर्पित करें। रेलवे डीआरएम को ज्ञापन देने समिति के अध्यक्ष अंजू यादव, लक्ष्मीचंद, योगेश यादव, जी बालाजी, बंटी रजक, जी लल्ली, जूली और अन्य लोग पहुंचे थे । प्रसन्नता की बात यह है कि इस जन आंदोलन को हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सिंह और प्रदेश सचिव अंजनी सिंह ने भी अपना विशेष समर्थन देने की बात कही है।

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