सरस्वती पूजा के पावन अवसर पर समाज सेवी संस्था पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन का जरूरतमंद दसवीं कक्षा के छात्र की आर्थिक मदद के साथ आगाज

प्रवीर भट्टाचार्य

भारतीय सनातनी परंपरा में देवी सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है। यही कारण है कि उनके प्रकट दिवस बसंत पंचमी पर विद्या आरंभ का संस्कार संपन्न किया जाता है । विद्या यानी शिक्षा से संबंधित एनजीओ पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन की शुरुआत बसंत पंचमी के पावन अवसर पर की गई। एनजीओ की अध्यक्ष पायल लाठ का मानना है कि बच्चे ही इस देश के भावी नागरिक एवं भविष्य है और देश का भविष्य तभी बेहतर होगा जब यह बच्चे शिक्षित होंगे। इस शुभ अवसर पर पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन ने एक जरूरतमंद बच्चे की मदद करते हुए अपनी संस्था का आगाज किया। तोरवा गुरुनानक चौक पर स्थित सिटी हाई सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले दसवीं कक्षा के छात्रा संस्कार वर्मा की फीस जमा करने की क्षमता भी उसके परिजनों के पास नहीं थी।

असल में छात्र के पिता का निधन पिछले साल कैंसर की बीमारी के कारण हो गया था। तबसे पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। एक समाज सेवी संस्था ने परिवार के गुजर-बसर के लिए एक छोटी सी दुकान खोल कर दी है, पर उससे घर के और खर्चे भी ठीक से नहीं चल पाते। ऐसे में बच्चे के अभिभावक उसकी स्कूल फीस भरने में सक्षम नहीं हो रहे थे। इसकी जानकारी समाजसेवीका पायल लाठ को हुई, जिन्होंने अपने एनजीओ की मदद से बच्ची की मदद करने की ठानी। उन्होंने सिटी हाई सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल नवल वर्मा के साथ मुलाकात कर वस्तुस्थिति की जानकारी हासिल की और फिर बच्ची की कुल फीस में से 11 हज़ार रकम अदा की। शेष रकम स्कूल संचालक द्वारा प्रदान की जा रही है, जिससे कि छात्र अपनी शिक्षा पूरी कर सके और इस वर्ष परीक्षा से वंचित न हो। एनजीओ की ओर से छात्र को पठन-पाठन संबंधी स्टेशनरी, बैग आदि भी प्रदान किए गए।

संस्था के साथ जुड़ी मयूरी खंडूजा ने बताया कि इस नेक काम में उनके और भी परिचितों ने सहयोग किया है, जिनमें अनीता गणेश अग्रवाल, श्वेता बजाज, प्रियंका चतुर्वेदी, ट्विंकल चौकसे, किरण सानंद, मिताहार जैसे नाम शामिल है। इस अवसर पर संस्था की कोषाध्यक्ष सुमित गांधी ने सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हुए भविष्य में भी ऐसे ही संकट ग्रस्त बच्चों की मदद कर उन्हें शिक्षा प्रदान करने का संकल्प दोहराया। उन्होंने बताया कि पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन का उद्देश्य भी यही है कि किसी भी बच्चे की पढ़ाई न छूटे और पढ़ लिख कर यह बच्चे आत्मनिर्भर बन सकें। भविष्य में भी जरूरतमंद बच्चों की इसी तरह मदद करने की बात पायल एक नया सवेरा फाउंडेशन ने कही है।

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