बाबरी मस्जिद की नींव रखकर सुर्खियों में आए निलंबित TMC विधायक हुमायूं कबीर की चेतावनी — 22 दिसंबर को बनाएंगे नई पार्टी, 135 सीटों पर उतारेंगे उम्मीदवार

कोलकाता / मुर्शिदाबाद।
पश्चिम बंगाल की राजनीति में इन दिनों बड़ा सियासी भूचाल देखने को मिल रहा है। मुर्शिदाबाद जिले में ‘बाबरी मस्जिद’ की नींव रखकर विवाद पैदा करने वाले और उसके बाद TMC से निलंबित किए गए विधायक हुमायूं कबीर ने अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को खुली चुनौती दे दी है। कबीर ने फिल्मी अंदाज में कहा—

“पिक्चर अभी बाकी है… टीएमसी का मुस्लिम वोटबैंक खत्म हो जाएगा।”

  हुमायूं कबीर ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने का एलान करते हुए दावा किया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में “गेमचेंजर” साबित होंगे। पश्चिम बंगाल में 2026 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

22 दिसंबर को नई पार्टी, AIMIM से गठबंधन की कोशिश

कबीर ने घोषणा की कि वह 22 दिसंबर को अपनी नई पार्टी लॉन्च करेंगे और AIMIM के साथ गठबंधन के लिए बातचीत जारी है। उन्होंने दावा किया कि असदुद्दीन ओवैसी से उनकी बात भी हो चुकी है और दोनों मिलकर चुनाव लड़ने पर सहमत हैं।

कबीर ने कहा—
“मैं मुसलमानों के लिए काम करने वाली नई पार्टी बनाऊंगा। 294 में से 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारूंगा। हम मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में टीएमसी को कड़ी चुनौती देंगे।”

मस्जिद निर्माण पर अड़े— “संविधान अनुमति देता है”

मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई सभा में कबीर ने ‘बाबरी मस्जिद निर्माण’ के मुद्दे पर फिर अपना रुख दोहराया। उन्होंने कहा—

“कोई मंदिर बना सकता है, कोई चर्च बना सकता है, तो मैं मस्जिद क्यों नहीं बना सकता?”

“सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने माना है कि बाबरी मस्जिद गिराई गई थी। हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए वहां मंदिर बनाया गया। उसी संविधान के तहत मैं मस्जिद बनाऊंगा।”

“मेरे खिलाफ मामलों से कोई फर्क नहीं पड़ता। जिसके साथ अल्लाह हो, उसे कोई नहीं रोक सकता।”

उन्होंने कहा कि मस्जिद निर्माण “कानूनी रूप से पूरी तरह वैध” है और संविधान प्रत्येक नागरिक को किसी भी धर्मस्थल के निर्माण का अधिकार देता है।

टीएमसी के लिए नई चुनौती

कबीर का दावा है कि TMC का मुस्लिम वोटबैंक अब उनके पक्ष में शिफ्ट होगा।
टीएमसी नेतृत्व, जो पहले ही विपक्षी दलों और आंतरिक गुटबाजी से जूझ रहा है, कबीर की नई पार्टी को लेकर सतर्क माना जा रहा है।

सियासत में बढ़ी हलचल

हुमायूं कबीर के इस ऐलान ने बंगाल की राजनीति को और गर्मा दिया है।
विशेषकर मुर्शिदाबाद, मालदा और उत्तर 24 परगना जैसे मुस्लिम बहुल जिलों में इस कदम के दूरगामी असर देखे जा रहे हैं।

अब निगाहें 22 दिसंबर पर टिकी हैं, जब हुमायूं कबीर अपनी नई पार्टी का औपचारिक ऐलान करेंगे और बंगाल चुनावी रण में नए समीकरण बनना शुरू होंगे।

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