

बिलासपुर। लंबे इंतजार के बाद शहरवासियों को पेयजल संकट से राहत मिलने जा रही है। खूंटाघाट नहर की मरम्मत का काम बुधवार देर शाम पूरा कर लिया गया है। नगर निगम जल विभाग के अनुसार बुधवार आधी रात के बाद नहर में पानी छोड़कर ट्रायल लिया जाएगा। यदि गुरुवार की सुबह और शाम की सप्लाई में पानी की गुणवत्ता उपयुक्त मिली, तो शुक्रवार से नियमित पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। इसकी पुष्टि जल विभाग के प्रभारी अनुपम तिवारी ने की है।
खूंटाघाट बांध के माध्यम से नहर से शहर के करीब 40 हजार से अधिक लोगों को प्रतिदिन पेयजल सप्लाई की जाती है। लेकिन 276 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के ड्राई हो जाने और नहर में हुए कटाव के कारण पिछले 19 दिनों से सप्लाई पूरी तरह बंद थी। इसके चलते कई वार्डों में गंभीर जलसंकट की स्थिति बन गई थी। लोग सुबह-शाम पानी के लिए भटक रहे थे और कई इलाकों में दूसरे मोहल्लों से पानी लाना पड़ रहा था।
संकट बढ़ने पर नगर निगम ने वर्षों से बंद पड़े बोरों को चालू कर वैकल्पिक व्यवस्था की कोशिश की, लेकिन अचानक शुरू किए गए बोर हवा छोड़ते रहे और पानी का दबाव बहुत कम मिला। कुछ वार्डों में टैंकर व्यवस्था भी की गई, फिर भी जरूरत के अनुसार पानी नहीं पहुंच पाया। नागरिकों का कहना था कि खूंटाघाट से नियमित सप्लाई होने के बाद बोर बंद कर दिए जाते हैं, इसी वजह से अचानक संकट के समय वे ठीक से काम नहीं कर पाए।
हर साल आ सकती है ऐसी समस्या
नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि नहर के दोनों किनारों पर कटाव और बारिश से हुए नुकसान के कारण रिपेयरिंग जरूरी थी। सप्लाई बंद कर नहर के सूखने के बाद सफाई और मरम्मत का काम शुरू किया गया। अधिकारियों का मानना है कि खुले नहर सिस्टम से सप्लाई होने के कारण बारिश के दिनों में ऐसी समस्या हर साल उत्पन्न हो सकती है। कई बार नहर कट जाने या तेज बारिश में मेढ़ टूट जाने से मरम्मत चुनौतीपूर्ण हो जाती है और सप्लाई रोकना मजबूरी बन जाती है।
रिपेयरिंग के बाद गुरुवार दोपहर कुछ इलाकों में टेस्टिंग के तौर पर पानी की सप्लाई दी गई, जो संतोषजनक रही। अब आधी रात के ट्रायल के सफल होने पर शुक्रवार से शहर के 40 हजार से अधिक लोगों को फिर साफ पेयजल मिलना शुरू हो जाएगा और 19 दिनों से जारी पानी संकट समाप्त हो सकेगा।
