HIV प्रबंधन में देश का अग्रणी मॉडल बना बिलासपुर का सिम्स ART सेंटर, उपचार से लेकर पोषण तक ‘वन-स्टॉप सिस्टम’ विकसित

बिलासपुर। देश में एचआईवी नियंत्रण के प्रयासों के बीच बिलासपुर स्थित सिम्स एआरटी सेंटर एक ऐसा उदाहरण बनकर उभरा है, जिसने उपचार, पोषण, सामाजिक सुरक्षा, टीबी नियंत्रण और मातृ–शिशु संरक्षण को एक समन्वित प्रणाली में बदल दिया है। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर प्रस्तुत रिपोर्ट बताती है कि यह केंद्र न सिर्फ छत्तीसगढ़, बल्कि आसपास के राज्यों के मरीजों के लिए भी उम्मीद का सबसे बड़ा आधार बन गया है।


9,413 मरीज रजिस्ट्रेशन—ART सेवाओं का मजबूत नेटवर्क

अब तक सिम्स में कुल 9,413 एचआईवी मरीज पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें—

  • पुरुष: 5,484
  • महिलाएँ: 3,303
  • ट्रांसजेंडर: 72
  • पुरुष बालक: 300
  • बालिकाएँ: 254

वित्तीय वर्ष 2025–26 में 578 नए मरीज रजिस्टर हुए हैं। वर्तमान में 4,885 मरीज एआरटी पर जीवित एवं उपचाररत हैं।


लिंक ART सेंटर—दूरस्थ क्षेत्रों के लिए जीवनरेखा

सिम्स से जुड़े लिंक एआरटी केंद्र—

  • मंगला
  • गौरेला–पेंड्रा–मरवाही
  • केंद्रीय जेल बिलासपुर
  • जिला अस्पताल बिलासपुर

इन केंद्रों के माध्यम से 562 मरीजों को नियमित दवा उपलब्ध हो रही है।
इसके साथ ही 1 दिसंबर 2025 से जीपीएम में नया लिंक ART सेंटर शुरू किया जा रहा है, जहाँ 210 मरीज पहले से पंजीकृत हैं। वनांचल क्षेत्र में यह सेवा ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।


HIV–TB दोहरी चुनौती का समाधान—54 मरीजों का उपचार शुरू

HIV मरीजों में टीबी संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसी कारण 2025–26 में 54 मरीजों की टीबी जाँच कर उपचार प्रारंभ किया गया। टीबी विभाग और ART सेंटर के बीच मजबूत समन्वय इस अभियान की सबसे बड़ी ताकत बनी है।


माँ से बच्चे में संक्रमण रोकथाम—62 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व सेवा

PPTCT कार्यक्रम के तहत HIV संक्रमित गर्भवती महिलाओं को—

  • समय पर दवा
  • नियमित HIV जांच
  • सीडी4 टेस्ट
  • सुरक्षित प्रसव सेवाएँ

उपलब्ध कराई जा रही हैं। 2025–26 में 62 गर्भवती महिलाओं को सेवाएँ प्रदान की गईं, जिससे गर्भस्थ शिशु में संक्रमण का जोखिम 40% से घटकर लगभग 1% तक रह गया।


पोषण सुरक्षा—165 मरीजों को प्रति माह 35 किलो अनाज

छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से 165 एचआईवी मरीजों को प्रति माह 35 किलो चावल प्रदान किया जा रहा है।
इसके अलावा 180 मरीजों को बस पास की सुविधा दी गई है, ताकि उपचार के लिए किसी प्रकार की बाधा न हो।


राष्ट्रीय स्तर का मॉडल—कई राज्यों के मरीजों का भरोसा

सिम्स ART सेंटर सिर्फ बिलासपुर संभाग ही नहीं, बल्कि—
बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर, बलौदाबाजार, जशपुर, कबीरधाम, रायगढ़, सरगुजा, मनेंद्रगढ़–चिरमिरी–भरतपुर सहित
मध्य प्रदेश और ओडिशा से भी बड़ी संख्या में मरीज यहाँ उपचार प्राप्त करते हैं।

इसे राष्ट्रीय स्तर के हब ART सेंटर के रूप में देखा जाने लगा है।


सेकेंड व थर्ड लाइन ART—235 मरीजों को जीवन विस्तार

दवा प्रतिरोध विकसित होने पर सिम्स से रिपोर्ट रायपुर के ART प्लस सेंटर भेजी जाती है।
अब तक 235 मरीजों को सेकेंड व थर्ड लाइन उपचार मिला है, जिससे उनकी जीवन-आशा बढ़ी है।


समग्र स्वास्थ्य सुविधा—हर बीमारी का तुरंत रेफरल

HIV मरीजों को—

  • गायनी
  • टीबी
  • डर्मेटोलॉजी
  • मेडिसिन
  • पीडियाट्रिक्स
  • ब्लड बैंक

जैसे विभागों से समन्वित उपचार मिलता है। ART सेंटर में दवा, जांच, परामर्श सभी सेवाएँ पूरी तरह नि:शुल्क हैं।


सिम्स अधिष्ठाता व चिकित्सा अधीक्षक ने क्या कहा?

डॉ. रमणेश मूर्ति, अधिष्ठाता सिम्स—
“हमारा उद्देश्य हर HIV मरीज को एक ही स्थान पर पूर्ण उपचार, जांच और परामर्श उपलब्ध कराना है। नया लिंक ART सेंटर दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का दायरा और मजबूत करेगा।”

डॉ. लखन सिंह, चिकित्सा अधीक्षक—
“HIV मरीजों को दवा के साथ पोषण, मानसिक सहयोग और नियमित फॉलो-अप की भी आवश्यकता होती है। शासन की विभिन्न योजनाओं ने इस पूरी प्रणाली को प्रभावी बनाया है।”


HIV प्रबंधन की मिसाल—दवा ही नहीं, संपूर्ण व्यवस्था की जीत

बिलासपुर का सिम्स ART सेंटर यह साबित करता है कि HIV से लड़ाई सिर्फ मेडिकल इलाज से नहीं, बल्कि—
सुदृढ़ व्यवस्था, सामाजिक सुरक्षा, समन्वित विभागीय प्रयास और संवेदनशील प्रशासन
से जीती जाती है।

छत्तीसगढ़ का यह मॉडल अब देशभर में HIV नियंत्रण की एक सफल और प्रेरणादायक संरचना के रूप में तेजी से पहचान बना रहा है।

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