अजाक्स के नए प्रदेशाध्यक्ष का विवादित बयान , कहा – जब तक ब्राह्मण अपनी बेटी दान ना दे , तब तक आरक्षण मिले, ब्राह्मण समाज में तीखी प्रतिक्रिया, FIR की मांग तेज

भोपाल। मध्यप्रदेश में अजाक्स (एससी-एसटी अधिकारी–कर्मचारी संगठन) के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष और आईएएस अफसर संतोष वर्मा अपने एक बयान को लेकर व्यापक विवादों में घिर गए हैं। रविवार को अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में वर्मा ने ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करते हुए कहा—
“जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान न कर दे या उससे संबंध न बना दे, तब तक आरक्षण मिलना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि जब तक समाज में “रोटी-बेटी का व्यवहार” नहीं होता, तब तक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण जारी रहना चाहिए।

वर्मा के इस बयान का वीडियो सामने आते ही ब्राह्मण समाज और अन्य संगठनों ने तीखी आपत्ति जताई। हालांकि अजाक्स के प्रांतीय प्रवक्ता विजय शंकर श्रवण ने दावा किया है कि वर्मा के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।

विवादों से पुराना नाता, फर्जी दस्तावेज तैयार कराने का भी आरोप

आईएएस संतोष वर्मा का विवादों से रिश्ता नया नहीं है। 2021 में राज्य सेवा से आईएएस पद पर प्रमोशन के दौरान वर्मा पर गंभीर आरोप लगे थे। एक महिला द्वारा दर्ज मारपीट, धमकी और गाली-गलौज के मामले में वर्मा ने खुद को बरी दिखाने के लिए दो फर्जी दस्तावेज तैयार कराए थे।

एक कथित दस्तावेज में उन्हें बरी बताया गया था और दूसरे में दोनों पक्षों के बीच समझौता दर्शाया गया। लेकिन जिन विशेष न्यायाधीश विजेंद्र रावत के नाम से यह आदेश दिखाया गया था, उन्होंने शिकायत कर साफ किया कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश जारी किया ही नहीं। इसके बाद वर्मा को गिरफ्तार किया गया और उन्हें निलंबित किया गया था।

उन्हें IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 471 (जाली दस्तावेज) और 120-B (साजिश) में आरोपी बनाया गया। वर्तमान में इस मामले की जांच एसीपी सेंट्रल कोतवाली विनोद दीक्षित द्वारा की जा रही है।

2016 में इंदौर के लसूड़िया थाने में दर्ज एक पुराने प्रकरण में भी एक महिला ने वर्मा पर शादी का झांसा देकर धोखा देने का आरोप लगाया था। बाद में उसे पता चला कि वर्मा पहले से शादीशुदा हैं।

ब्राह्मण समाज में रोष, FIR की मांग

वर्मा के बयान के बाद ब्राह्मण समाज के संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पंडित विष्णु राजौरिया और अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह ब्राह्मण समाज की बहन-बेटियों का “अमानवीय अपमान” है। उन्होंने संतोष वर्मा पर FIR दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

उधर, सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हीरालाल त्रिवेदी ने कहा कि ऐसे अधिकारियों का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए।

बयान पर बढ़ती गर्मी, अजाक्स की सफाई बेअसर

अजाक्स प्रवक्ता की सफाई के बावजूद विवाद शांत नहीं हो रहा है।
राज्यभर के सामाजिक संगठनों ने इस बयान को भड़काऊ और समाज को बांटने वाला बताया है। राजनीतिक गलियारों में भी इस मुद्दे पर हलचल बढ़ गई है।

अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस विवादित बयान और पुराने मामलों को लेकर आईएएस वर्मा के खिलाफ क्या रुख अपनाते हैं। खबर है कि बढ़ते विरोध को देखकर वर्मा ने माफी मांग ली है

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