विवादित बयान पर घिरे अमित बघेल को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार, अग्रिम जमानत पर नहीं मिली राहत,12 राज्यों में दर्ज FIR, 26 दिन से फरार; सिंधी व अग्रवाल समाज का गुस्सा बरकरार

आकाश दत्त मिश्रा

रायपुर/नई दिल्ली। क्षेत्रवाद की आग भड़काते हुए राजनीति की जमीन तलाशने की कोशिश अमित बघेल को भारी पड़ती दिख रही है। जोश में अमित बघेल ने सबको बाहरी और परदेसियों बता दिया था लेकिन अब बयान के बाद जब जगह-जगह एफआईआर दर्ज हुए तो उनकी घिग्घी बंध गई हैं यहां तक की सुप्रीम कोर्ट ने भी उनके सभी एफआईआर को क्लब करने से इनकार करते हुए तल्क लहजे में कहा कि अब देश भर में घूम घूम कर एफआईआर का सामना करने का भी मजा लीजिए, इसके बाद बैकफुट पर आए अमित बघेल कह रहे हैं कि उन्होंने गुस्से में ऐसा बयान दे दिया था।

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष और जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अपने विवादित बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे बघेल को मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय से कड़ी फटकार का सामना करना पड़ा। अदालत ने न केवल उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज की, बल्कि स्पष्ट कर दिया कि जहां-जहां FIR दर्ज हुई है, आरोपी को वहीं की कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सख्त टिप्पणी करते हुए कहा—
“अपनी जुबान संभालकर रखें। राज्य पुलिस आएगी और आपको अपने-अपने राज्यों में ले जाएगी। पूरे देश की सैर का आनंद लीजिए।”

सिंधी और अग्रवाल समाज में गुस्सा, कई जिलों में विरोध प्रदर्शन

27 अक्टूबर को दिए गए बयान के बाद सिंधी समाज और अग्रवाल समाज में भारी नाराजगी है। समाज के लोगों ने रायपुर, रायगढ़, सरगुजा सहित कई जिलों में प्रदर्शन किए और बघेल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत के सलाहकार अनूप मसंद ने बताया कि बघेल की टिप्पणी से पूरा समाज आहत है। रायपुर के सिटी कोतवाली थाना सहित कई जिलों में FIR दर्ज की गई। आरोप है कि अमित बघेल ने सिंधी समाज को “पाकिस्तानी” कहकर अपमानित किया था।

क्या कहा था अमित बघेल ने?

मामला छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़ने की घटना से जुड़ा है। 27 अक्टूबर को इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बघेल ने न केवल अग्रसेन महाराज पर विवादित टिप्पणी की, बल्कि सिंधी समाज के ईष्ट देवता झूलेलाल को लेकर भी आपत्तिजनक बातें कही थीं।

उनका बयान था—
“कौन है अग्रसेन महाराज? चोर है या झूठा? पाकिस्तानी सिंधी क्या जानते हैं मछली वाले भगवान के बारे में!”
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि “सिंधी समाज ने छत्तीसगढ़ महतारी की गर्दन काटकर अपमान किया है।”

उनकी इस टिप्पणी के बाद कई राज्यों में समाज के लोग सड़क पर उतर आए। कई स्थानों पर बघेल का पुतला भी फूंका गया।

देशभर में दर्ज एक दर्जन से अधिक FIR

अमित बघेल के खिलाफ सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु सहित कई राज्यों में भी FIR दर्ज है।
अब तक 12 राज्यों में दर्जनभर से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं।

उनके वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि—

बयान गुस्से में दिए गए थे

समाज की भावनाएं आहत करने का इरादा नहीं था

सभी FIR को छत्तीसगढ़ में ट्रांसफर कर दिया जाए

लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह अनुरोध अस्वीकार कर दिया और कहा कि “अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी।”

26 दिन से फरार

बघेल को पुलिस लगातार तलाश रही है, लेकिन वह 26 दिनों से फरार है।
सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद अब उनकी गिरफ्तारी की संभावना और बढ़ गई है।

क्या है छत्तीसगढ़ महतारी मूर्ति विवाद?

26 अक्टूबर को रायपुर के VIP चौक पर स्थापित छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़फोड़ की गई थी।
अगले दिन क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने मौके पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया। पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई।

बाद में मूर्ति दोबारा स्थापित कर दी गई।
पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार किया, जो मानसिक रूप से बीमार बताया गया और नशे में उसने मूर्ति तोड़ी थी।

सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद अमित बघेल को हर राज्य में दर्ज मामलों का सामना करना होगा।

पुलिस टीमों द्वारा उनकी तलाश तेज कर दी गई है।

समाज के विभिन्न संगठनों ने कठोर कार्रवाई की मांग दोहराई है।

अमित बघेल के विवादित बयान और कानूनी उलझनों ने प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों में एक नई बहस छेड़ दी है।

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