

रायपुर। 21 नवंबर 2025
रायपुर ISIS मामले में एंटी टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने जांच को अगले निर्णायक चरण में बढ़ा दिया है। अब ATS अमेरिका स्थित इंस्टाग्राम मुख्यालय से समूह चैट, लॉगिन रूट, सर्वर मेटाडेटा, चैट बैकअप और विस्तृत तकनीकी रिकॉर्ड हासिल करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है। जांच में सामने आए नए डिजिटल संकेतों ने इस केस को पहले से कहीं ज्यादा जटिल और बहुस्तरीय बना दिया है।
राज्य पुलिस की इंटेलिजेंस विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि प्लेटफॉर्म स्तर के आधिकारिक डेटा के बिना विदेशी डिजिटल कनेक्शन की पूरी श्रृंखला का पता लगाना मुश्किल है। मामले में पकड़े गए दोनों हाई स्कूल छात्र इस समय माना स्थित जुवेनाइल होम में हैं, जिन्हें हाल ही में किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया था।
फॉरेंसिक विश्लेषण में खुलासा: कई देशों और राज्यों से जुड़े अकाउंट
जांच की दिशा तब बदली जब फॉरेंसिक टीम ने छात्रों के मोबाइल में एक इंस्टाग्राम समूह चैट खोली। इस चैट में ऐसे कई अकाउंट मिले जिनके लोकेशन लिंक विदेशी देशों और भारत के कई राज्यों से जुड़ते थे।
अधिकारियों के अनुसार यह संकेत है कि दोनों छात्र किसी सीमित स्थानीय समूह का हिस्सा नहीं थे, बल्कि एक व्यवस्थित और बहु-स्तरीय डिजिटल नेटवर्क से जुड़े थे।
ATS इंस्टाग्राम से मांगेगी यह महत्वपूर्ण डेटा
ATS जिस विस्तृत तकनीकी डॉसियर की मांग कर रही है, उसमें शामिल हैं—
- पूर्ण लॉगिन हिस्ट्री
- चैट बैकअप और सर्वर मेटाडेटा
- मास्क्ड/छिपे अकाउंट इंटरैक्शन
- डिवाइस लिंकिंग और रिकवरी लॉग्स
- बदले गए यूज़रनेम का रिकॉर्ड
- समूह गतिविधियों की टाइमलाइन
यह डेटा उन छद्म डिजिटल हैंडलर्स तक पहुँचने में मदद करेगा जिनके कई अकाउंट फर्जी लोकेशन और बदलते नामों के साथ सक्रिय थे।
एक से अधिक विदेशी हैंडलर्स से संपर्क के संकेत
लॉग रिव्यू में यह भी सामने आया है कि छात्रों का संपर्क एक से अधिक विदेशी डिजिटल हैंडलर्स से हुआ था।
शुरुआत में एक पाकिस्तान-लिंक्ड डिजिटल कनेक्शन सामने आया, लेकिन आगे की जांच में यह दायरा कई देशों तक विस्तृत पाया गया।
ATS का मानना है कि इंस्टाग्राम सर्वर डेटा यह स्पष्ट करेगा कि ये विदेशी संपर्क अकेले थे या किसी समन्वित श्रृंखला का हिस्सा।
छात्र का अरबी सीखने वाले ऐप्स का उपयोग — सीधा संपर्क स्थापित करने की कोशिश
जांच के दौरान पता चला कि एक छात्र लगातार अरबी सीखने वाले टूल्स और ऐप्स का उपयोग कर रहा था।
अधिकारियों के अनुसार यह प्रयास विदेशी स्रोतों से सीधे संवाद स्थापित करने का संकेत देता है, जो डार्क डिजिटल नेटवर्किंग की प्रारंभिक अवस्था को दिखाता है।
डार्क वेब ब्राउजिंग में हथियार खरीद संबंधी खोजें, ATS ने जोखिम स्तर बढ़ाया
फॉरेंसिक टीम को डार्क वेब ब्राउजिंग ट्रेल्स में हथियारों की कीमतें, खरीद के तरीके और अवैध ऑनलाइन मार्केट से जुड़ी लगातार खोजें मिलीं।
ATS ने इसे हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा है और माना है कि इन पैटर्न्स का इंस्टाग्राम डेटा से मिलान करना अब जांच के अगले चरण की प्राथमिकता है।
‘ISIS Raipur’ समूह चैट अब भी जांच का महत्वपूर्ण हिस्सा
पहले सामने आए तथ्यों के अनुसार एक छात्र ने इंस्टाग्राम पर “ISIS Raipur” नामक समूह बनाया था।
बरामद डिजिटल सामग्री में कट्टरपंथी वीडियो, प्रतीक चिन्ह, संदिग्ध लोकेशन संकेत और विदेशी टास्किंग से मेल खाते पैटर्न मिले हैं।
UAPA के तहत प्रकरण दर्ज, केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय जारी
प्रकरण संख्या 01/25 को UAPA की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया है।
ATS की जांच केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय में आगे बढ़ रही है।
अधिकारियों का कहना है कि इंस्टाग्राम से मिलकर आने वाला आधिकारिक तकनीकी डेटा इस नेटवर्क की वास्तविक संरचना, छिपे हुए सदस्यों, विदेशी मार्गों और संपर्कों की स्पष्ट तस्वीर सामने लाएगा।
इस डिजिटल नेटवर्क की कड़ियां कितनी दूर तक जाती हैं, यह इंस्टाग्राम से प्राप्त होने वाले तकनीकी रिकॉर्ड के बाद ही पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगा।
