B.Ed प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब अंबिकापुर से बिलासपुर पहुंची उनके अनुनय यात्रा को यहां बलपूर्वक रोक दिया गया ।छत्तीसगढ़ सरकार के सामने अपने समायोजन का प्रस्ताव रखने सैकड़ों की सँख्या में बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक अंबिकापुर से राजधानी की ओर कूच कर रहे थे। जिनकी यात्रा मंगलवार को बिलासपुर पहुंची, जहां यात्रा को अनुमति न मिलने के कारण इस यात्रा को प्रशासन ने रोक दिया है।
अलग अलग जगहों पर एकत्रित हो रहे बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को खदेड़ा जा रहा है। बता दें, कि सेवा-सुरक्षा की माँग को लेकर बी.एड. प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की अम्बिकापुर से निकली ‘अनुनय यात्रा’ लखनपुर, उदयपुर, कटघोरा के बाद मंगलवार को बिलासपुर पहुंची थी। दरअसल, शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में बीएड को प्राथमिक शिक्षण हेतु मान्य करते हुए सम्मिलित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से जारी निर्देशों के बाद करीब 3 हजार बीएडधारी सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में है। अब उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा दो हफ़्तों के भीतर बीएड के स्थान पर डीएड को नियुक्ति देने का आदेश दिया गया है।
सहायक शिक्षकों को कहना है कि सरकार के इस फैसले से हम मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं इसलिए हम चाहते हैं कि हमारी समस्या का समाधान किया जाए। यह सभी सहायक शिक्षक व्यापम की भर्ती परीक्षा में चयनित होकर नियमतः नियुक्त हुए हैं। सरगुजा और बस्तर संभाग में 15 महीने सेवाएँ देने के बाद इनकी सेवाएँ समाप्त की जा रही हैं। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि चयनित होकर इन्होंने अपनी योग्यता का प्रमाण दिया है, प्रशासनिक चूक की सज़ा इन्हें दी जा रही है। जबकि राज्य में विभिन्न विभागों में हज़ारों पद रिक्त हैं जहाँ योग्यता अनुसार इनका समायोजन किया जा सकता है। मुख्यमंत्री से यही निवेदन करने सैकड़ों की सँख्या में सहायक शिक्षक अम्बिकापुर से रायपुर तक की पैदल यात्रा कर रहे हैं। सहायक शिक्षकों ने बताया कि पिछले 4 दिन से हमारी यह यात्रा चल रही है जिसमें हमें कई प्रकार के परेशानियों का भी सामना करना पड़ा है और सभी परेशानियों का सामना कर हम आज बिलासपुर पहुंचे हैं लेकिन यहां हमारी समस्या को समझने की बजाय हमें और परेशान किया जा रहा है। हम सरकार से निवेदन करते हैं कि हम 3000 सहायक शिक्षको की रोजी-रोटी दाव पर लगी है हमारे हित में जल्द से जल्द फैसला लिया जाए।