


बिलासपुर,
थाना कोनी क्षेत्र में अवैध महुआ शराब निर्माण एवं बिक्री के संगठित कारोबार पर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 50 लाख रुपये की अवैध संपत्ति फ्रीज कर दी है। यह छत्तीसगढ़ प्रदेश में पहली बार है जब नवीन कानून बीएनएसएस की धारा 107 के तहत किसी संगठित आपराधिक गिरोह की अवैध संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की गई है।
यह कार्रवाई बिलासपुर पुलिस के “चेतना विरुद्ध नशा” अभियान के तहत की गई, जिसमें नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त आरोपियों के विरुद्ध आर्थिक स्तर पर भी कठोर कदम उठाया जा रहा है।

थाना कोनी में दर्ज अपराध की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि आरोपी दंपति संतोष वर्मा एवं देवीबाई वर्मा, अपने पुत्र राहुल वर्मा के साथ मिलकर कई वर्षों से हाथ भट्ठी से महुआ शराब का अवैध कारोबार संचालित कर रहे थे। पुलिस द्वारा पूर्व में कई बार वैधानिक कार्रवाई करने के बावजूद आरोपीगणों ने अपनी गतिविधियों में सुधार नहीं किया और लगातार अवैध शराब बिक्री से अनुचित लाभ अर्जित करते रहे। मामले में विशेष टीम गठित कर आरोपियों की संपत्ति की जांच की गई।

जांच में सामने आया कि आरोपियों ने अवैध शराब बिक्री से प्राप्त धन से एक प्लॉट, दो मंजिला मकान, एक ट्रैक्टर, स्विफ्ट कार और दो मोटरसाइकिलें खरीदी थीं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत लगभग 50 लाख रुपये है। आरोपियों की कोई वैध आय का स्रोत नहीं पाया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीएनएसएस 2023 की धारा 107 के अंतर्गत इस संपत्ति को अवैध घोषित करते हुए उसे फ्रीज करने की कार्रवाई हेतु सक्षम न्यायालय में विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है। इस कार्यवाही को लेकर न्यायालय से शीघ्र आदेश की संभावना है।
यह कार्रवाई न केवल प्रदेश में पहली है, बल्कि यह संगठित अपराध के विरुद्ध एक सख्त संदेश भी है। पुलिस का मानना है कि इस कदम से अवैध शराब के कारोबारियों को सबक मिलेगा और आम जनता में कानून के प्रति विश्वास और मजबूत होगा।