

गोरखपुर।
रामडीह गांव में आयोजित एक धार्मिक समारोह में तब हलचल मच गई जब यह जानकारी मिली कि जिस गाय के दूध से पंचामृत बनाया गया था, उसे कुछ दिन पहले एक रेबीज़-ग्रस्त कुत्ते ने काट लिया था। समारोह में करीब 300 लोगों को पंचामृत का प्रसाद ग्रहण कराया गया था।
घटना के सात दिन बाद गाय में असामान्य व्यवहार दिखा और वह पागल जैसे लक्षणों के बाद मर गई। इसके बाद ग्रामीणों में भय का माहौल बन गया। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आया।
प्रशासन ने सभी संपर्कों को किया फोन, गांव में स्वास्थ्य शिविर
सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही घटना की पुष्टि हुई, स्वास्थ्य विभाग ने गांव में विशेष कैंप लगाया और समारोह में शामिल सभी लोगों को सावधानी के तौर पर रेबीज़ टीकाकरण की सलाह दी।
प्रशासन की टीम ने उन लोगों से भी संपर्क किया, जो दूर-दराज़ से समारोह में शामिल होकर लौट चुके हैं।
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया—
“यह एक एहतियाती कदम है। किसी भी संदिग्ध संपर्क या परिस्थिति में हम प्रोफिलैक्टिक (सावधानीपूर्वक) टीकाकरण की सलाह देते हैं।”
गांव में दहशत, लोग बोले— कुत्ते बन रहे खतरनाक
घटना के बाद ग्रामीणों में भय और आक्रोश दोनों दिखाई दिया। कई लोगों ने कहा कि गांवों में बढ़ती आवारा कुत्तों की संख्या अब इंसानों और पशुओं के लिए बड़ा खतरा बन रही है, और प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।
एक ग्रामीण ने कहा—
“जिस तरह से कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं, उससे इंसान और पशुओं दोनों की जान खतरे में है। सरकार को कोई ठोस नीति लानी चाहिए।”
रेबीज़ आमतौर पर काटने, लार या संक्रमित जानवर के सीधे संपर्क से फैलता है । सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार, यदि किसी पशु में रेबीज़ का संदेह हो, तो उसके दूध या मांस का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग भी इसी सावधानी के आधार पर टीकाकरण करा रहा है।
गुजरात की घटना के बाद सावधानी बढ़ी
कुछ वर्ष पहले गुजरात के बनासकांठा जिले में एक संदिग्ध घटना ने प्रशासन को सतर्क किया था, जिसमें कुछ लोगों की मृत्यु भैंस में रेबीज़ संक्रमण की आशंका के बाद हुई थी। यहां भी संक्रमित भैंस का दूध पीने से पांच लोगों की मौत हो गई थी।
प्रशासन की अपील — अफवाहों से बचें, सावधानी बरतें
गोरखपुर स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि यह सावधानी आधारित कदम है और किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
लोगों को सलाह दी गई है कि:
किसी भी काटने या खरोंचने की घटना में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
कच्चा दूध न पिएं, दूध और दूध उत्पाद अच्छी तरह उबालकर ही सेवन करें
आवारा कुत्तों से दूरी बनाए रखें
टीकाकरण अभियान में सहयोग करें
प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अफवाहें फैलाने से बचें और केवल आधिकारिक निर्देशों पर भरोसा करें।
