रायपुर प्रेस क्लब चुनाव में बढ़ा विवाद, वैध मतदाता सूची पर उठे सवाल

शशि मिश्रा

रायपुर। रायपुर प्रेस क्लब का आगामी चुनाव इन दिनों गहरे विवादों में घिर गया है। रजिस्ट्रार, फर्म्स एंड सोसाइटीज़ छत्तीसगढ़ के आदेश पर आयोजित हो रहे इस चुनाव में वैध सदस्यता, मतदाता सूची और कार्यकारिणी के अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

प्रेस क्लब की मौजूदा कार्यकारिणी ने संविधान संशोधन करते हुए सदस्यता संरचना में बदलाव किए। मार्च 2025 में 125 पुराने सदस्यों के नाम सूची से हटा दिए गए, वहीं मई के अंत तक नए सदस्यों को जोड़ने की प्रक्रिया चलती रही। इस दौरान संविधान विरोधी तरीके से सदस्यता बढ़ाने के आरोप भी लगे।
इन शिकायतों के बाद रजिस्ट्रार ने सितंबर में सुनवाई कर अपना आदेश जारी किया।

रजिस्ट्रार का स्पष्ट आदेश

रजिस्ट्रार ने अपने आदेश में कहा कि—

  1. मौजूदा कार्यकारिणी का वैध कार्यकाल 17 फरवरी 2025 तक ही था।
  2. इसी अवधि तक अनुमोदित वैध सदस्यों के बीच 60 दिनों के भीतर चुनाव कराने का निर्देश दिया गया।

निर्देशों की अनदेखी का आरोप

रजिस्ट्रार के आदेश के बाद भी प्रेस क्लब प्रबंधन पर कई कदमों को लेकर सवाल हैं—

  • कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी नए सदस्य बनाए गए।
  • 125 हटाए गए सदस्यों की दावा–आपत्तियों का निराकरण नहीं किया गया।
  • 10 अक्टूबर को नए सदस्यों की अंतिम सूची प्रकाशित कर दी गई।
  • 25 अक्टूबर तक शुल्क जमा करने की नई तिथि निर्धारित की गई।
  • पुराने सदस्यों का शुल्क ₹500 और नए सदस्यों पर ₹1000 शुल्क लगाया गया।

सबसे गंभीर आरोप यह है कि चुनाव अधिकारी उसी व्यक्ति को बनाया गया, जिन पर ही
125 सदस्यों के नाम हटाने और अवैध कार्यकाल में 300 से अधिक नए सदस्यों को जोड़ने का आरोप है।

वैध मतदाता सूची पर प्रश्नचिह्न

संविधान की कंडिका–4 के अनुसार वैध सदस्य वही माना जाता है जिसे विधिवत कार्यकारिणी की मंजूरी मिली हो।
जबकि कार्यकारिणी का कार्यकाल 17 फरवरी 2025 को समाप्त हो चुका था, ऐसे में उसके बाद लिए गए सभी निर्णयों की वैधता पर सवाल उठ रहे हैं।
इसी आधार पर बड़ी संख्या में सदस्य प्रेस क्लब द्वारा प्रकाशित मतदाता सूची को अवैध बता रहे हैं।

अनुत्तरित प्रश्नों से बढ़ी आशंका

सदस्यों का आरोप है कि—

  • अध्यक्ष अपने ही महासचिव द्वारा लगाए गए आर्थिक अनियमितता के आरोपों पर मौन हैं।
  • चुनाव घोषित हो गया है, पर आय–व्यय विवरण प्रस्तुत करने की तिथि अभी तक तय नहीं की गई।
  • अध्यक्ष और उनके समर्थक लगातार हाईकोर्ट का रुख कर रहे हैं।

सदस्यता परंपरा भी टूटी

प्रेस क्लब में परंपरा रही है कि नए सदस्यों को मतदान का अधिकार अगले चुनाव में मिलता है।
लेकिन इस बार कथित रूप से राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इस परंपरा को दरकिनार कर दिया गया।

अब फैसला सदस्यों के हाथ

रायपुर प्रेस क्लब के वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि नियमों की अवहेलना और मनमानी से संस्था की गरिमा पर आंच आ रही है।
चुनाव को निष्पक्ष, पारदर्शी और विवाद–रहित बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि वैध मतदाता सूची और रजिस्ट्रार के निर्देशों का पालन किया जाए।

चुनाव की तारीख नजदीक है और सभी की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या आगामी प्रक्रिया विवादों से मुक्त हो पाएगी या मामला और उलझेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!