

बिलासपुर। रेलवे ने अपने स्टेशनों की व्यवस्थाओं को आधुनिक और सुविधायुक्त बनाने के लिए अब निजी कंपनियों के साथ साझेदारी करने की योजना तैयार की है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशनों की देखरेख, सफाई, खानपान, पार्किंग जैसी सुविधाएं अब पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर निजी कंपनियों के हवाले की जाएंगी। वहीं, रेलवे अपनी खाली जमीनों को 35 वर्षों की लीज पर देकर अतिरिक्त राजस्व अर्जित करेगा।
यह जानकारी प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (सीसीएम) प्रवीण पांडेय ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि बिलासपुर मंडल के 18 स्टेशनों में इस योजना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके तहत रेलवे की खाली पड़ी जमीनों पर निजी डेवलपर्स को मल्टीलेवल पार्किंग, कॉम्प्लेक्स और यात्री ठहराव भवन जैसी संरचनाएं विकसित करने की अनुमति दी जाएगी। लीज की अवधि पूरी होने के बाद यह संरचनाएं रेलवे को हस्तांतरित की जाएंगी।
स्टेशन एरिया में बनेगा “हाल्टिंग बे” — भीड़ कम करने की नई पहल

बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग जैसे प्रमुख स्टेशनों में यात्रियों की भीड़ और ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए “हाल्टिंग बे” सुविधा शुरू की जाएगी। इसके तहत स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में प्रवेश करने से पहले रेलवे की खाली भूमि पर निर्धारित स्थान बनाया जाएगा, जहां निजी वाहनों और कैब सेवाओं को सीमित समय के लिए न्यूनतम शुल्क पर रुकने की अनुमति होगी। इसके बाद ये वाहन यात्रियों को चढ़ाने या उतारने के लिए “पिक, ड्रॉप एंड गो जोन” की ओर जाएंगे।
“इंटीग्रेटेड स्टेशन फैसिलिटी मैनेजमेंट” होगा लागू
रेलवे ने स्टेशनों की समग्र व्यवस्थाओं को एकीकृत करने के लिए “इंटीग्रेटेड स्टेशन फैसिलिटी मैनेजमेंट” प्रणाली शुरू करने की तैयारी की है। इस मॉडल में —
निजी कंपनियां सफाई, खानपान, पार्किंग और अन्य जनसुविधाओं का संचालन करेंगी।
रेलवे प्रशासन ट्रेन संचालन, सुरक्षा और टिकटिंग जैसे मुख्य कार्य अपने पास रखेगा।
यह पायलट प्रोजेक्ट फिलहाल बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग स्टेशनों पर लागू किया जा रहा है।
युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर
रेलवे प्रशासन ने बताया कि नई प्रणाली से युवाओं के लिए रोजगार के कई अवसर खुलेंगे। इसके तहत चार प्रमुख क्षेत्रों में 1000 से अधिक युवाओं को जोड़ा जा सकेगा —
- टिकट बिक्री केंद्र (ATVM) और हाल्ट एजेंट सेवाएं
- ई-कैटरिंग एवं खानपान सेवाएं
- वॉटर वेंडिंग मशीन स्टॉल संचालन
- पार्सल एवं कार्गो प्रबंधन सेवाएं
राजस्व बढ़ाने और आधुनिक स्टेशन के लक्ष्य की ओर
रेलवे का कहना है कि इस कदम से न केवल यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि रेलवे की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। 35 साल की लीज नीति के तहत भूमि उपयोग से प्राप्त राजस्व को स्टेशन विकास और यात्रियों की सुविधाओं के विस्तार में लगाया जाएगा।
