विवेकानंद गार्डन में टूटी बचपन की मुस्कान – बच्चों का खेल क्षेत्र उपेक्षा का शिकार

आकाश दत्त मिश्रा

बिलासपुर। शहर का सबसे पुराना और प्रसिद्ध विवेकानंद गार्डन, जो कभी परिवारों की पसंदीदा सैरगाह और बच्चों के खेल का केंद्र था, आज उपेक्षा की मार झेल रहा है। गार्डन की सफाई व्यवस्था भले ही संतोषजनक हो, लेकिन बच्चों का खेल क्षेत्र (किड्स प्ले ज़ोन) बदहाल और असुरक्षित हो चुका है।

यहाँ के झूले न सिर्फ टूटे हुए हैं बल्कि कई झूले पूरी तरह गायब हैं। खेल उपकरणों के जंग लगे और टूटे हुए स्टील स्ट्रक्चर खुले पड़े हैं, जो बच्चों के लिए किसी भी समय गंभीर हादसे का कारण बन सकते हैं। स्थानीय लोग आशंका जता रहे हैं कि यदि समय रहते मरम्मत नहीं की गई, तो कोई अनहोनी घट सकती है।

गार्डन में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या भी चिंता का विषय है। बच्चे यहाँ खेलने से डरने लगे हैं, और अभिभावक उन्हें लाने से बचते हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है, “विवेकानंद गार्डन की साफ-सफाई तो ठीक है, लेकिन बच्चों के खेल क्षेत्र को पूरी तरह भुला दिया गया है। न तो झूले सुरक्षित हैं, न खेल उपकरण।”

बिलासपुर की शान माने जाने वाले इस ऐतिहासिक गार्डन को अब तत्काल मरम्मत और पुनर्निर्माण की आवश्यकता है। नागरिकों ने नगर निगम से अपील की है कि बच्चों के खेल क्षेत्र की स्थिति पर तुरंत ध्यान दिया जाए और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए — ताकि विवेकानंद गार्डन एक बार फिर बच्चों की हँसी और जीवन से भर सके।

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