

बिलासपुर। वन्यजीवों के शिकार के लिए बिछाए गए बिजली के तार की चपेट में आने से एक शिकारी की मौत हो गई। घटना को छिपाने के लिए उसके साथियों ने शव पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी और मौके से फरार हो गए। दो दिन बाद अधजली लाश मिलने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ। यह घटना कोटा थाना क्षेत्र के करपिया जंगल की है।
जानकारी के अनुसार, तखतपुर चिरईगुड़ा निवासी अयोध्या खुसरो (35) 29 अक्टूबर की शाम करीब साढ़े पांच बजे घर से शिकार के लिए निकला था, लेकिन वापस नहीं लौटा। परिजनों ने 1 नवंबर को जूनापारा चौकी में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इधर, 3 नवंबर की शाम ग्राम डिडोल के ग्रामीणों ने करपिया जंगल में लकड़ी लेने के दौरान तेज दुर्गंध महसूस की। जब वे भीतर गए तो उन्हें एक अधजला शव पड़ा मिला। सूचना पर कोटा पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में शव की पहचान अयोध्या खुसरो के रूप में हुई।
मौके से जीआई तार भी बरामद हुआ है, जिससे अंदेशा है कि शिकार के लिए बिछाए गए बिजली तार की चपेट में आने से अयोध्या की मौत हुई। घटना के बाद साथियों ने शव पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी, ताकि पहचान न हो सके।
पुलिस ने आसपास के चार संदिग्ध शिकारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। थाना प्रभारी तोप सिंह नवरंग ने बताया कि मृतक के साथियों की भूमिका संदिग्ध लग रही है और घटना की हर पहलू से जांच की जा रही है।
इधर, जंगल में निगरानी व्यवस्था पर भी सवाल उठे हैं, क्योंकि शव तीन दिन तक जंगल में पड़ा रहा, लेकिन इसकी जानकारी सर्किल इंचार्ज और वन विभाग के कर्मचारियों को नहीं लग सकी।
ग्रामीणों का कहना है कि करपिया जंगल में अक्सर शिकारियों की आवाजाही रहती है, लेकिन वन विभाग की निगरानी न होने से ऐसे हादसे हो रहे हैं।
