देवरीखुर्द के यादव परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़ — गेवरा-बिलासपुर मेमू हादसे में पति-पत्नी और सास की मौत, दो वर्षीय बेटा चमत्कारिक रूप से बचा

बिलासपुर। लालखदान के पास हुई गेवरा-बिलासपुर मेमू ट्रेन दुर्घटना ने देवरीखुर्द के यादव परिवार की खुशियां छीन लीं। इस हादसे में अर्जुन यादव, उनकी पत्नी शीला यादव और सास मानमनी यादव की मौत हो गई, जबकि दो वर्षीय बेटा ऋषि घायल होकर अपोलो अस्पताल में भर्ती है। हादसे के वक्त ऋषि अपनी मां की गोद में था, लेकिन टक्कर के जोरदार झटके से वह उछलकर ऊपर बने लगेज रैक में जा फंसा। इसी वजह से उसकी जान बच गई।

अर्जुन यादव के बड़े भाई अजय यादव ने बताया कि अर्जुन का कुछ दिन पहले ही ऑपरेशन हुआ था और उसका चांपा में इलाज चल रहा था। सास मानमनी अपनी बेटी और दामाद का हाल जानने सल्का (बेलतरा) से चांपा आई थीं। इलाज के बाद सभी मेमू ट्रेन से घर लौट रहे थे। रास्ते में लालखदान के पास ट्रेन हादसे की शिकार हो गई।

मिलने पहुंचे अमर अग्रवाल

घर पर मौजूद अर्जुन की भाभी रेखा यादव ने हादसे से कुछ मिनट पहले ही शीला यादव को फोन किया था। फोन एक महिला यात्री ने उठाया और बताया कि ट्रेन का एक्सीडेंट हो गया है और आपके परिजन गंभीर रूप से घायल हैं। सूचना मिलते ही परिवारजन मौके पर पहुंचे, जहां तीनों के शव बुरी हालत में मिले।

हादसे में बच्चे को लगी चोटें, दो दांत टूटे
टक्कर के समय ऋषि मां की गोद में था। झटके से वह ऊपर बने लगेज रैक में जा फंसा। सुरक्षित यात्रियों ने बच्चे की रोने की आवाज सुनकर उसे बाहर निकाला। उसके चेहरे और पैरों में चोटें हैं और दो आगे के दांत टूट गए हैं। परिजन ने बताया कि बच्चे का सीटी स्कैन कराया गया है और उसकी देखभाल बुआ अस्पताल में कर रही है।

शवों की पहचान में हुई मशक्कत
तीनों शवों की पहचान करने में परिजनों को काफी कठिनाई हुई। देर रात 11:30 बजे अर्जुन के भतीजे निखिल यादव ने अपने चाचा की पहचान उनकी गुलाबी शर्ट से की, क्योंकि चेहरा पूरी तरह क्षत-विक्षत था। बच्चे ऋषि की पहचान भी निखिल ने रेलवे अस्पताल में की। शीला यादव का शव जिला अस्पताल और सास मानमनी का शव सिम्स में मिला। पोस्टमार्टम के बाद तीनों शव परिजनों को सौंप दिए गए।

छाया मातम
हादसे की खबर लगते ही देवरीखुर्द में मातम छा गया, जो घटनास्थल से सटा हुआ है। एक साथ परिवार के तीन सदस्यों की मौत की सूचना से पूरा मोहल्ला गमगीन है। रिश्तेदार और ग्रामीण परिवार को ढांढस बंधाने उनके घर पहुंच रहे हैं।

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