

बिलासपुर। शहर के बाहरी इलाकों में बिना योजना और स्वीकृति के बनी अवैध कॉलोनियाँ अब वहां रहने वालों के लिए मुसीबत का घर बन चुकी हैं। बिल्डरों ने तो प्लॉट बेचकर मुनाफा कमा लिया, लेकिन अब मूलभूत सुविधाओं के अभाव में यहां के लोग गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं। सड़क, नाली, और जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण नागरिकों का जीवन कठिन हो गया है।
इन्हीं परेशान क्षेत्रों में से एक है मोपका स्थित विवेकानंद नगर फेस-2, जहाँ पिछले एक सप्ताह से निवासी किशोर कोठारी का परिवार गंदे पानी की समस्या से त्रस्त है। कॉलोनी में नाली की उचित निकासी व्यवस्था न होने से दूषित पानी सीधे उनके घर में भर रहा है, जिससे उनका जीवन नरकीय स्थिति में पहुंच गया है।

आधी-अधूरी सफाई, अधूरा समाधान
किशोर कोठारी ने इस समस्या की शिकायत नगर निगम बिलासपुर से की थी। शिकायत के बाद कर्मचारी मौके पर पहुंचे जरूर, लेकिन उन्होंने केवल आधी-अधूरी सफाई कर दी। परिणामस्वरूप समस्या जस की तस बनी हुई है।
परिवार का कहना है कि नाली की सफाई पूरी न होने से पानी की निकासी नहीं हो पा रही, जिससे घर में दूषित, बदबूदार पानी भर गया है और पूरे इलाके में अस्वच्छ माहौल बन गया है।

कॉलोनी में अव्यवस्था, बिल्डरों पर आरोप
क्षेत्र के ही निवासी सुशांत शुक्ला बताते हैं कि कॉलोनी में शुरुआत से ही नालियों की उचित योजना नहीं बनाई गई। बिल्डरों ने प्लॉट बेच दिए, लेकिन नाली और जल निकासी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
अधूरी पड़ी नालियाँ अक्सर जाम रहती हैं, जिससे बरसात या हल्की वर्षा में भी पानी घरों तक पहुंच जाता है। उन्होंने कहा कि “बिल्डरों की लापरवाही और नगर निगम की अनदेखी का खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।”
शिकायतों पर चुप्पी, समाधान का इंतजार
स्थानीय नागरिकों ने इस समस्या की जानकारी क्षेत्रीय पार्षद तिलक राम साहू को भी दी, लेकिन अब तक इसका स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। पार्षद यह तक नहीं बता पा रहे कि नाली की सफाई या नई व्यवस्था कब तक होगी।
लोगों का कहना है कि नगर निगम ने इस क्षेत्र को अपनी सीमा में शामिल तो कर लिया है, लेकिन यहां की साफ-सफाई और जल निकासी को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखा रहा है।
स्वास्थ्य और स्वच्छता पर खतरा
घर में गंदे पानी के भराव से स्वास्थ्य संबंधी खतरे भी बढ़ गए हैं। आसपास मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है और गंध के कारण लोगों को घर में रहना मुश्किल हो गया है।
नागरिकों की मांग
स्थानीय लोगों ने नगर निगम से तुरंत स्थायी समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द ही नाली की सफाई और जल निकासी की नई व्यवस्था नहीं की गई, तो वे सामूहिक रूप से आंदोलन करने को विवश होंगे।
बिलासपुर की अवैध कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं की कमी एक गंभीर शहरी समस्या बन चुकी है। विवेकानंद नगर फेस-2 की स्थिति इस बात का उदाहरण है कि कैसे योजनाहीन विकास अब नागरिकों के लिए संकट बन गया है।
नगर निगम और प्रशासन के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे क्षेत्रों में स्थायी नाली व्यवस्था और सफाई अभियान चलाकर लोगों को इस नारकीय स्थिति से राहत दिलाई जाए।
