
शशि मिश्रा

बिलासपुर। हिंदूवादी संगठनों में उस समय आक्रोश की लहर फैल गई जब गौसेवक एवं हिंदू नेता ठाकुर राम सिंह को बिल्हा पुलिस ने एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने उन पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की है, जिसे हिंदू संगठनों ने “द्वेषपूर्ण और झूठा” बताया है। इस कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को तखतपुर एसडीएम कार्यालय में सनातन योद्धा संगठन और अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधियों ने कलेक्टर, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री और एसएसपी के नाम ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में लगाए गए आरोप
ज्ञापन में कहा गया है कि ठाकुर राम सिंह पिता रामनाथ सिंह, निवासी सीपत रोड चिंगराजपारा, बिलासपुर, लंबे समय से हिंदू धर्मांतरण और गौहत्या के विरोध में सक्रिय रहे हैं। उनके नेतृत्व में कई बार गौसेवा और धर्मरक्षा से जुड़े अभियान चलाए गए हैं। इसी कारण, कुछ असामाजिक तत्व उनसे द्वेष रखते हैं और उनके खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराते रहते हैं।

ज्ञापनकर्ताओं ने कहा कि बिल्हा थाने में सुनीता रात्रे की शिकायत पर 27 अगस्त को दर्ज प्रकरण में ठाकुर राम सिंह को झूठे तरीके से आरोपी बनाया गया। जबकि वे घटना के काफी बाद और पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे थे। इस मामले में आकांक्षा कौशिक, सिद्धार्थ शर्मा, राजा साहू, मनीष कौशिक और सूरज राजपूत के साथ ठाकुर राम सिंह का नाम जोड़ा गया है, जबकि उनका उस घटना से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं था।
प्रदर्शन और आक्रोश

गौरतलब है कि 27 अगस्त को बिल्हा के उड़ियापारा क्षेत्र में गौमांस बेचे जाने के विरोध में हिंदू संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान भीड़ और पुलिस के बीच झड़प की स्थिति बनी थी। इसी मामले में अब ठाकुर राम सिंह को आरोपी बनाकर गुपचुप तरीके से मुंगेली जेल भेज दिया गया है।
इस गिरफ्तारी के विरोध में तखतपुर, बिलासपुर और मुंगेली में कई स्थानों पर हिंदूवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब सरकंडा क्षेत्र में शिवलिंग पर पेशाब करने वाले आरोपी की घटना के बाद हिंदू समाज में आक्रोश था, उसी दौरान ठाकुर राम सिंह को जेल भेजना प्रशासन की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई है।

नेताओं और संगठनों की मांग
ज्ञापन देने पहुंचे राजा सिंह ठाकुर, विजय पांडे (अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ तखतपुर) तथा अन्य सनातन संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि ठाकुर राम सिंह एक सच्चे समाजसेवी और धर्मरक्षक कार्यकर्ता हैं। उन्हें झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजा गया है। संगठन ने उनकी निष्पक्ष जांच और तत्काल रिहाई की मांग की है।
उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो हिंदू समाज व्यापक आंदोलन करेगा। ज्ञापन के बाद कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय और एसडीएम कार्यालय परिसर में आक्रोश व्यक्त किया, वहीं बड़ी संख्या में सनातन योद्धाओं ने मुंगेली कलेक्टर चौक पहुंचकर प्रदर्शन किया।

पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर हिंदू संगठनों ने पुलिस प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि घटना की निष्पक्ष जांच किए बिना ही एट्रोसिटी एक्ट जैसी कठोर धारा लगाई गई है। वहीं, स्थानीय स्तर पर लोगों ने ठाकुर राम सिंह की गिरफ्तारी को “हिंदू आवाज को दबाने की कोशिश” बताया है।
फिलहाल, ठाकुर राम सिंह मुंगेली जेल में बंद हैं, और उनके समर्थन में हिंदू संगठनों का विरोध लगातार जारी है। प्रशासन ने इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है।
