

बिलासपुर। ग्राम हाँफा स्थित देवाधिदेव सिद्ध बघर्रा पाठ महाराज भगवान नृसिंह देव के भव्य मंदिर में महानवमी पर्व पर बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 को विशेष आयोजन किया गया। इस अवसर पर आचार्य धनेश उपाध्याय जी के आचार्यत्व में माता सिद्धिदात्री का पूजन-अर्चन कर कन्या पूजन एवं भव्य भंडारा सम्पन्न हुआ।
आचार्य जी ने बताया कि महानवमी को माँ दुर्गा के नौवें स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धापूर्वक पूजा करने से भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियाँ, ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति होती है। प्रातःकाल माता रानी का पूजन कर उन्हें प्रिय भोग हलवा, पूरी और चना अर्पित किया गया। इसके पश्चात छोटी कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर विधिवत पूजन किया गया।

उन्होंने कहा कि नवमी तिथि पर लंगूर नामक एक छोटे बालक की भी पूजा की जाती है, जिन्हें भैरव बाबा का स्वरूप माना जाता है। भैरव बाबा को माँ दुर्गा का पहरेदार और नकारात्मक शक्तियों से रक्षक माना गया है। इसलिए उनके बिना दुर्गा पूजा अधूरी मानी जाती है।
कन्या पूजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए आचार्य जी ने कहा कि प्रत्येक कन्या में माँ दुर्गा का दिव्य रूप विद्यमान है। कन्या पूजन से जीवन में शांति, सौभाग्य और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। यह पूजा हमें सद्गुण, नैतिकता और विवेक के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।
पूजन-अर्चन के बाद भक्तों के लिए भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। दोपहर से देर शाम तक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। शाम 4 बजे विधिवत कलश विसर्जन के साथ महानवमी का यह आयोजन सम्पन्न हुआ।
