नगर निगम में बड़ा फर्जीवाड़ा: जाली दस्तावेज से मकान का नक्शा पास कराने वाले रेंजर पर एफआईआर

बिलासपुर। सरकारी जमीन पर जाली दस्तावेज लगाकर मकान का नक्शा पास कराने का मामला सामने आया है। अचानकमार टाइगर रिजर्व में पदस्थ रेंजर विजय साहू पर नगर निगम की जांच में फर्जीवाड़ा साबित होने के बाद सरकंडा थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

मामले का खुलासा खबर प्रकाशित होने के बाद हुआ। निगम कमिश्नर ने जांच करवाई, जिसमें पाया गया कि रेंजर साहू ने डायवर्सन रद्द होने के बावजूद नकली दस्तावेज प्रस्तुत कर भवन अनुज्ञा (बिल्डिंग परमिशन) हासिल कर ली।

सब इंजीनियर जुगल किशोर सिंह ने रेंजर के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई, जिस पर पुलिस ने धोखाधड़ी और कूटरचना सहित बीएनएस की धारा 318(4), 338, 336(3) और 340(2) के तहत अपराध दर्ज किया है।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा

  • रेंजर विजय साहू ने 2022 में खमतराई स्थित खसरा नंबर 559/2थ में 3492.5 वर्गफीट जमीन खरीदी।
  • यह जमीन सरकारी घास मद में दर्ज थी।
  • 2024 में साहू ने इसका डायवर्सन कराने आवेदन किया, लेकिन एसडीएम कोर्ट में अनुपस्थिति और दस्तावेज न देने के कारण डायवर्सन रद्द कर दिया गया।
  • इसके बाद भी साहू ने सब इंजीनियर नरेंद्र कुर्रे की आईडी से आवेदन कर भवन अनुज्ञा पास करा ली।

निगम की प्रक्रिया पर सवाल

निगम अधिकारियों का कहना है कि भवन अनुज्ञा की प्रक्रिया में दस्तावेजों की क्रॉस चेकिंग की बाध्यता नहीं होती। इसी खामी का फायदा उठाकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अनुमति जारी कर दी गई। अब इस मामले ने निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

आगे की जांच

सूत्रों के मुताबिक, इस तरह के और भी मामले सामने आ सकते हैं, जहां जाली दस्तावेजों के आधार पर भवन अनुज्ञा दी गई है। निगम ने संबंधित सब इंजीनियर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जबकि रेंजर साहू के खिलाफ पुलिस जांच तेज कर रही है।

यह मामला न केवल नगर निगम की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी सवाल खड़ा करता है कि क्या अन्य निर्माण अनुमति भी ऐसे ही फर्जी दस्तावेजों पर जारी की गई हैं?


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